रांची: राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को अनीमियामुक्त भारत कार्यक्रम के सुदृढ़ीकरण को लेकर एक बैठक हुई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस बैठक में नीति आयोग द्वारा प्रारंभ किए जा रहे अनीमिया एवं कुपोषण उन्मूलन के लिए इस विशेष कार्यक्रम का संचालन करने के निर्देश दिए गए।
यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के सामंजस्य से 1,000 दिनों तक चलाया जायेगा।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव आराधना पटनायक तथा राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक रविशंकर शुक्ला भी उपस्थित रहे।
बैठक में पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सभाकक्ष से जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के अलावा जिले के सिविल सर्जन डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्याम सुंदर सामढ़, जिला शिक्षा अधीक्षक अनिल चौधरी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बसंती ग्लाडिस बाढ़ा सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी भी जुड़े रहे।
बैठक के उपरांत उपायुक्त ने बताया कि बैठक में राज्य के मुख्य सचिव ने कई आवश्यक बिंदुओं पर दिशा निर्देश दिए हैं, जिसके तहत जिला, प्रखंड एवं विद्यालय स्तर पर अनीमियामुक्त भारत कार्यक्रम के लिए नोडल का चयन किया जाना, जो कार्यक्रम के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करेंगे।
साथ जिला स्तर पर कार्यक्रम के क्रियान्वयन एवं प्रगति की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी का भी गठन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम अंतर्गत लक्षित समूह 6 से 59 माह तक के सभी बच्चे, 5 से 9 वर्ष तक के सभी बच्चे, 10 से 19 वर्ष तक के सभी किशोर-किशोरियों, गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं एवं 19 से 49 वर्ष तक के प्रजनन आयु की महिलाएं शामिल होगीं।
उन्होंने बताया कि अनीमिया एवं कुपोषण की दर में कमी लाने के लिए दीदी-वाड़ी कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाएगा तथा इसके साथ ही अनीमिया से बचाव के प्रति मनरेगा कर्मियों को भी जागरूक करते हुए अनीमिया मुक्त भारत पर विस्तृत कार्य योजना तैयार किया जाना है।