चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक की भारत यात्रा, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक से उनकी भारत की राजकीय यात्रा की शुरुआत में मुलाकात करके प्रसन्नता हुई। हमारे दीर्घकालिक सहयोग को और गहरा करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं।"

Smriti Mishra
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Chile President Gabriel Boric’s India Visit: भारत-चिली संबंधों में नया अध्याय | राष्ट्रपति बोरिक की पांच दिवसीय यात्रा ,चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट अपनी पहली भारत यात्रा पर एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आए हैं, जिसमें मंत्री, संसद सदस्य, व्यापार संघ और सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े प्रमुख लोग शामिल हैं।

दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात

दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति बोरिक से मुलाकात की।

दोनों नेताओं ने भारत-चिली संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। वार्ता के बाद पीएम मोदी ने कहा, “हमने अपनी-अपनी टीम को पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर चर्चा शुरू करने का निर्देश दिया है।”

उन्होंने महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में साझेदारी की संभावनाएं तलाशने और लचीली आपूर्ति और मूल्य श्रृंखलाएं स्थापित करने पर भी जोर दिया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी हुई मुलाकात

प्रधानमंत्री से पहले, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने दिल्ली में राष्ट्रपति बोरिक से मुलाकात की।

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उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, “चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक से उनकी भारत की राजकीय यात्रा की शुरुआत में मुलाकात करके प्रसन्नता हुई। हमारे दीर्घकालिक सहयोग को और गहरा करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं।”

आगे इनसे हो सकती है मुलाकात

राष्ट्रपति बोरिक भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात करेंगे।

5 अप्रैल को चिली लौटने से पहले वे आगरा, मुंबई और बेंगलुरु का दौरा करेंगे।

भारत-चिली व्यापार पर भी हुई चर्चा

हाल के वर्षों में भारत और चिली के बीच व्यापार में वृद्धि हुई है।

वर्ष 2020 की तुलना में 2024 में द्विपक्षीय कारोबार 1,545 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,843 करोड़ रुपये हो गया है।

लिथियम भंडार में सहयोग की संभावना

चिली में दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार है, जिसका 80 प्रतिशत निर्यात चीन को होता है।

भारत के साथ बढ़ते संबंधों के मद्देनजर, इस निर्यात में बदलाव की संभावना है।

राष्ट्रपति बोरिक की यह यात्रा दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ भारत के संबंधों को नए आयाम देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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