बीजिंग: 4 से 9 जनवरी तक चीनी स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री वांग यी ने आमंत्रण पर नाइजीरिया, कांगो किंशासा, बोत्सवाना, तंजानिया और सेशेल्स पांच देशों की यात्रा की।
यात्रा के बाद चीनी अखबार जन दैनिक (पीपल्स डेली) को दिये साक्षात्कार में वांग यी ने कहा कि 1991 से चीनी कूटनीति की एक श्रेष्ठ परम्परा रही है, यानी हर साल पहली विदेश यात्रा अफ्रीका होती है।
इससे अफ्रीका के प्रति चीन के महत्व और चीन व अफ्रीका के बीच परम्परागत मैत्री प्रतिबिंबित होती है।
पांच देशों की यात्रा की चर्चा में वांग यी ने कहा कि उन्होंने पांच देशों के नेताओं और विदेश मंत्रियों से वार्ताएं कीं और नयी परिस्थिति में द्विपक्षीय सहमतियों का कार्यान्वयन करने, परम्परागत मैत्री का प्रसार करने, राजनीतिक आपसी विश्वास उन्नत करने, महामारी का मुकाबला करने, अहम सहयोग परियोजनाओं के उत्पादन की बहाली करने, बेल्ट एंड रोड का सहनिर्माण करने और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रीय मामलों के समन्वय पर व्यापक मतैक्य प्राप्त किये हैं और सिलसिलेवार सहयोग समझौतों पर हस्ताक्षर भी किये हैं।
अफ्रीकी नेताओं के साथ मुलाकात में वांग यी ने कहा कि कोविड-19 हालिया अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने आयी प्रमुख चुनौती है।
महामारी के प्रकोप के बाद अफ्रीकी देशों ने चीन का ²ढ़ समर्थन किया।
चीन ने भी 53 अफ्रीकी देशों और अफ्रीकी संघ को सहायता दी। यात्रा के दौरान चीन और अफ्रीकी पक्ष ने एकसाथ हाथ मिलकर महामारी मुकाबला करने पर सहमति प्राप्त की।
सेशेल्स आदि अफ्रीकी देशों के नेताओं ने कहा कि वे चीनी टीके लगाने को प्राथमिकता देंगे।
इस साल चीन-अफ्रीका सहयोग मंच की स्थापना की 20वीं वर्षगांठ है।
यह मंच चीन-अफ्रीका सामूहिक वार्ता का अहम मंच और वास्तविक सहयोग की कारगर प्रणाली है।
भविष्य में चीन और अफ्रीका स्वास्थ्य सहयोग, उत्पादन क्षमता के सहयोग, कृषि सहयोग, क्षेत्रीय संपर्क, डिजिटल सहयोग, पर्यावरण संरक्षण सहयोग, सैन्य सुरक्षा सहयोग को मजबूत करेंगे और अफ्रीकी देशों के लोगों के प्रशिक्षण को भी मजबूत करेंगे।
वांग यी ने यह भी कहा कि अफ्रीकी देशों को मदद देते समय चीन ने कोई राजनीतिक अतिरिक्त शर्तें नहीं जोड़ी हैं, साथ ही चीन अफ्रीकी देशों के घरेलू मामलों में भी हस्तक्षेप नहीं करता है।
अभी तक चीन ने अफ्रीका में 6,000 किमी रेल मार्गों, 6000 किमी सड़कों और 20 बंदरगाहों का निर्माण किया, 130 से अधिक चिकित्सक संरचनाओं, 45 व्यायामशालाओं और 170 से अधिक स्कूलों का निर्माण किया।
चीन ने 48 अफ्रीकी देशों में 21 हजार चीनी चिकित्सक भेजे और करीब 22 करोड़ अफ्रीकी रोगियों का इलाज किया।
चीन-अफ्रीका सहयोग की उपलब्धियां बहुत प्रचुर हैं, जो अफ्रीका की हर जगह उपलब्ध है।
चीन-अफ्रीका संबंध के भावी विकास की चर्चा में वांग यी ने कहा कि चीन सबसे बड़ा विकासमान देश है, जबकि अफ्रीका सबसे ज्यादा विकासमान देशों का एक महाद्वीप है।
चीन और अफ्रीका साझा विकास के अच्छे साझेदारी, सहयोग व साझी जीत के अच्छे दोस्त हैं।
विकासमान देशों के समान हितों की रक्षा करने में दोनों प्राकृतिक साझेदारी हैं।
चाहे अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति में कैसा भी बदलाव आ जाए, चीन-अफ्रीका मैत्री पर्वत की भांति मजबूत और स्थिर रहेगी।
भविष्य के उन्मुख चीन और अफ्रीका सामरिक सहयोग को प्रगाढ़ करेंगे, विभिन्न क्षेत्रों के आपसी लाभ वाले सहयोग को गहरा करेंगे, मानवीय आदान-प्रदान को और घनिष्ठ करेंगे, अंतर्राष्ट्रीय मामलों में समन्वय को मजबूत कर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के और न्यायपूर्ण व उचित दिशा में विकसित करने को आगे बढ़ाऐंगे।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)