बीजिंग: कोविड-19 महामारी के बावजूद वर्ष 2020 में विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन से प्रस्तुत अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट आवेदनों की संख्या में वृद्धि बनी रही।
चीन 68720 पेटेंट के आवेदनों से विश्व के पहले स्थान पर रहा।
विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन द्वारा 2 मार्च को जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों के विचार में चीन के अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट आवेदनों की बढ़ोतरी चीन के मजबूत आर्थिक विकास और बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था के सुधार से अलग नहीं हो सकती है।
विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में इस संगठन की पेटेंट सहयोग संधि (पीसीटी) के तहत प्रस्तुत अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट आवेदनों की संख्या 4 प्रतिशत बढ़कर 2 लाख 75 हजार 900 हो गई है, जो एक नया ऐतिहासिक रिकार्ड है।
पीसीटी के तहत चीन ने 68720 पेटेंट का आवेदन किया, जो विश्व में सर्वाधिक रहा। वहीं, अमेरिका और जापान अलग-अलग तौर पर दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे।
पेइचिंग बौद्धिक संपदा अधिकार अध्ययन संघ के सदस्य यांग चिंगआन ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट आवेदन में चीन की बढ़त का एक बड़ा कारण है कि कोविड-19 महामारी के अच्छे नियंत्रण के बाद चीनी अर्थव्यवस्था तेजी से बहाल हुई।
उन्होंने यह भी कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार के आवेदन की संख्या समग्र अर्थव्यवस्था का संकेतक है।
विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन की रिपोर्ट से यह भी जाहिर होता है कि पिछले वर्ष पेटेंट आवेदन की दृष्टि से शीर्ष 10 उद्यमों में से तीन चीनी उद्यम हैं।
पीसीटी के तहत चीनी कंपनी हुआवेइ ने 5464 पेटेंट का आवेदन किया, जो लगातार चार साल तक पहले स्थान पर रही।
इसके अलावा शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों में 5 चीनी विश्वविद्यालय हैं।
विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन के प्रमुख अर्थशास्त्री कास्र्टेन फिंक ने कहा कि पिछले 20 साल के इतिहास से चीन के नवाचार के विकास की प्रक्रिया देखी जा सकती है। नवाचार के क्षेत्र में चीन की अपार संभावना है।
उन्होंने आगे कहा, पिछले दस साल या इससे अधिक लंबे समय से देखा जाए, तो चीन के अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट आवेदन की संख्या में तेज वृद्धि बनी रही। मैंने देखा है कि चीन में अंतर्राष्ट्रीय पेंटेंट आवेदन का आधार निरंतर विस्तृत हो रहा है।
8 या 9 साल पहले सिर्फ एक या दो चीनी कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट का आवेदन करती थीं, लेकिन अब विश्व की शीर्ष 50 में 12 या 13 चीनी कंपनियां शामिल हैं।
उन चीनी कंपनियों ने अनुसंधान और विकास में बड़ी पूंजी लगाई है और उनको अपने आविष्कार की अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा खोजने की बड़ी इच्छा भी है।
इससे जाहिर है कि चीन की नवाचार अर्थव्यवस्था का समृद्ध विकास हो रहा है।
(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)