बीजिंग : चीन ने हाल ही में 2020 में अपने पवन ऊर्जा उद्योग के प्रदर्शन का अनावरण किया, जिसने व्यापक ध्यान आकर्षित किया।
दरअसल, पवन ऊर्जा की नव-स्थापित क्षमता में पिछले साल 7.16 करोड़ किलोवाट की वृद्धि हुई, जो एक उच्च रिकॉर्ड है।
देश भर में पवन टर्बाइनों की कुल उत्पादन क्षमता लगभग 15 प्रतिशत बढ़कर 466.5 अरब किलोवाट-घंटे हो गई, जो कि पिछले साल चार ह्लथ्री-गोर्ज जलविद्युत ऊर्जा स्टेशनोंह्व द्वारा उत्पादित बिजली के समान थी।
2005 में, पहली बार चीन की पवन ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता ने 10 लाख किलोवाट का आंकड़ा पार किया। तीन साल बाद, संख्या में दस गुना वृद्धि हुई। यह 2014 में 10 करोड़ किलोवाट तक विस्तारित हुआ, और 2018 में फिर से दोगुना हो गया।
जहां पहले पवन ऊर्जा क्षेत्र में चीन की कोई पहचान नहीं थी, और उसे विदेशों से पवन टर्बाइन का आयात करना पड़ता था, आज वही चीन पवन ऊर्जा उत्पादन प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेता बनने की राह पर अग्रसर है।
चीन ने इस उद्योग में एक विशाल कदम आगे बढ़ा दिया है।
अतीत में, चीन के पवन ऊर्जा संयंत्र ज्यादातर तीन-उत्तर क्षेत्र में स्थित थे, अर्थात् उत्तरी चीन, पश्चिमोत्तर चीन और पूर्वोत्तर चीन।
मेगावट-स्तर के पवन टर्बाइन, लंबे ब्लेड और हाल के वर्षों में सुपर-हाई टावरों के व्यापक अनुप्रयोग के चलते, कम हवा की गति वाले मैदान और क्षेत्र भी पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए योग्य बन गए हैं।
2020 में पवन ऊर्जा की नई स्थापित क्षमता का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा मध्य, पूर्व और दक्षिण चीन से आया है।
कई वर्षो पहले, सस्ती पवन ऊर्जा 0.8 युआन (लगभग 8 रुपए) प्रति किलोवाट-घंटा, और यहां तक कि कुछ स्थानों पर 2 युआन (लगभग 20 रुपए) प्रति किलोवाट-घंटा तक मिलती थी।
लेकिन, आज चीन के अधिकांश क्षेत्रों में पवन ऊर्जा परियोजनाएं, विशेष रूप से नव-निर्मित तटवर्ती परियोजनाओं को अब सब्सिडी नहीं दी जाती है।
समृद्ध पवन संसाधनों वाले क्षेत्रों में पवन ऊर्जा की कीमत कोयला बिजली से भी कम है। इसने लोगों की रूढ़िवादिता सोच को बदल दिया कि नई ऊर्जा महंगी है और बाजार द्वारा स्वीकार नहीं की जाती है।
चीन की स्वच्छ ऊर्जा उद्योग की निरंतर प्रगति देश की अडिग ऊर्जा क्रांति का ही परिणाम है।
चीन द्वारा पिछले साल जारी किए गए एक श्वेत पत्र चीन के नये युग में ऊर्जा ने ऊर्जा क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए देश द्वारा शुरू की गई प्रमुख नीतियों और उपायों के बारे में विस्तार से बताया।
स्वच्छ और कम कार्बन ऊर्जा को बढ़ावा देना चीन की सबसे महत्वपूर्ण विचारधाराओं में से एक था।
भविष्य को देखते हुए, चीन 2030 से पहले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन शिखर और 2060 से पहले कार्बन तटस्थता प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है।
इसके अलावा, देश ने 2030 तक 1.2 अरब किलोवाट से अधिक पवन और सौर ऊर्जा की अपनी कुल स्थापित क्षमता लाने का भी वादा किया है।
कम कार्बन ऊर्जा विकास मानव जाति के भविष्य की चिंता करता है।
चीन जलवायु परिवर्तन से बेहतर तरीके से निपटने के लिए स्वच्छ ऊर्जा की प्रगति को आगे बढ़ाएगा और एक स्वच्छ एवं सुंदर दुनिया के निर्माण में अधिक योगदान देगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)