नई दिल्ली : इजरायल-हमास युद्ध के बीच एक बार फिर जी 20 समूह (G20 Group) के सदस्य देशों का वर्चुअल शिखर सम्मेलन (Virtual Summit) का आयोजन होने जा रहा है। हालांकि, बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल नहीं होंगे।
उनकी जगह प्रधानमंत्री ली कियांग (Prime Minister Li Kiang) बैठक में शामिल होंगे। इस समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-हमास संघर्ष पर भी बातचीत संभव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाले इस आयोजन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, कनाडाई पीएम जस्टिस ट्रूडो भी भागीदारी करेंगे ।
हालांकि, इस बार भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस समिट से दूरी बना ली है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन एक अन्य प्रोग्राम में शामिल होने की वजह से उपस्थिति नहीं हो सकेंगे।
गौरतलब है कि 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में G-20 समिट आयोजित किया गया था जिसमें ग्रुप के सभी राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लिया था। लेकिन, चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) भारत नहीं आ सके थे।
उन्होंने अपने प्रतिनिधियों को समिट में शामिल होने भेजा था। इस दौरान स्वीकृत नई दिल्ली घोषणा पत्र के दौरान वर्चुअल समिट आयोजित करने का प्रस्ताव रखा था।
बुधवार को भारत द्वारा बुलाई गई G20 की वर्चुअल समिट में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और अफ्रीकी संघ एक साथ आएंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन करीब दो साल में पहली बार G20 में उपस्थित होंगे। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति का प्रतिनिधित्व ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन करेंगी।
विनय क्वात्रा ने कहा…
रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल-हमास संघर्ष के प्रभाव पर भी चर्चा की जाएगी। भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की हमारी सफल मेजबानी के बाद से दुनिया ने कई घटनाओं को देखा है और कई नई चुनौतियां सामने आई हैं जिसमें विकास के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा (Vinay Kwatra) ने कहा, नेताओं द्वारा चर्चा किए जाने वाले मुद्दों को पहले से तय करना उचित नहीं होगा, क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने सितंबर में शिखर सम्मेलन के बाद से कई मुद्दों पर हुई प्रगति को सूचीबद्ध किया है।
अमिताभ कांत ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी एक बार फिर दो महीने के भीतर G20 के नेताओं की मेजबानी करेंगे। यह समिट बेहद खास और मायने रखती है।
किसी अन्य राष्ट्रपति ने सभी नेताओं की फिजिकल और फिर वर्चुअल बैठक (Virtual Meeting) नहीं की है। इन सबके अलावा PM ने Voice of Global साउथ के दो सत्रों की मेजबानी की है।
भारत ने 150 से ज्यादा वैश्विक नेताओं के साथ एक साल में चार ऐसी बैठकें आयोजित की हैं जो वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री की संयोजक शक्ति और नेतृत्व को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करती हैं।
इससे पहले सितंबर में भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जी20 शिखर सम्मेलन (G20 summit) के घोषणा पत्र पर आम सहमति हासिल की थी। यह एक ऐसा मुद्दा था, जिसने विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच गतिरोध पैदा करने की धमकी दी थी।
भारत अब शिखर सम्मेलन में नेताओं द्वारा सहमत मुद्दों के कार्यान्वयन पर काम कर रहा है। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा, भारत की अध्यक्षता में सितंबर में आयोजित समिट में तय किए गए प्रमुख नतीजों और कार्रवाई बिंदुओं पर G20 Virtual Summit बात होगी। दो महीने पहले लिए गए विभिन्न निर्णयों के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी जोर दिए जाने की उम्मीद है।
अब ब्राजील G20 का अगला अध्यक्ष होगा
भारत ने अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष समेत सभी G20 सदस्यों के नेताओं, साथ ही 9 अतिथि देशों और 11 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को वर्चुअल समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। भारत के पास 30 नवंबर, 2023 तक G20 की अध्यक्षता है। अब ब्राजील G20 का अगला अध्यक्ष होगा।
गौरतलब है कि G20 सदस्य देश ग्लोबल GDP की 85 फीसदी का प्रतिनिधित्व करते हैं। ग्लोबल ट्रेड (Global Trade) का 75 फीसदी इन देशों के बीच होता है। दुनिया की कुल आबादी का दो तिहाई इन देशों में रहता है।
इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके, अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) शामिल हैं।