बीजिंग: वैश्विक चुनौतियों के बावजूद चीन में अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहतर बनी हुई है। इसके साथ ही लोगों को रोजगार के मौके भी मिल रहे हैं।
इस संबंध में चीन सरकार की ओर से ध्यान दिया जा रहा है। हाल ही में रोजगार सबसे पहले की नीति जारी रखने का फैसला किया गया। बताया जाता है कि चीन रोजगार बाजार के संचालन में अनुचित प्रतिबंधों को खत्म करेगा। साथ ही इसे स्थिर करने के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे।
हाल में संपन्न हुए दो सत्रों के बाद जारी वार्षिक सरकारी कार्य रिपोर्ट में इस पर जोर दिया गया है। कहा गया है कि रोजगार को स्थिर करने में मदद करने के लिए बाजार और कंपनियों की स्थिरता को प्राथमिकता दी जाएगी। इतना ही नहीं, राजकोषीय और वित्तीय नीतियां भी रोजगार बढ़ाने पर केंद्रित होंगी।
कार्य रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने इस साल शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ दस लाख से अधिक नई नौकरियां प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
वहीं शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर को 5.5 प्रतिशत से कम पर नियंत्रित करने पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा जॉब मार्केट के संचालन को सुरक्षित करने के लिए कुछ विस्तृत उपाय भी बताए गए हैं।
इसके तहत बेरोजगारी बीमा के लिए कंपनियों की प्रतिपूर्ति जारी रहेगी और कॉलेज के स्नातकों, विमुद्रीकृत सैन्य कर्मियों और प्रवासी श्रमिकों सहित प्रमुख समूहों को अधिक नीतिगत सहायता मुहैया करायी जाएगी।
लचीले ढंग से नियोजित लोगों की सामाजिक सुरक्षा और श्रम अधिकारों की सुरक्षा में सुधार जारी रखने पर भी ध्यान दिया जाएगा। और लैंगिक भेदभाव व श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले अवैध व्यवहार को रोकने के प्रयास मजबूत किए जाएंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक 15.8 अरब डॉलर के बेरोजगारी बीमा फंड के जरिए रोजगार बाजार को स्थिर करने और विनिर्माण उद्योगों के लिए अधिक उच्च गुणवत्ता वाले श्रमिकों के प्रशिक्षण में सुधार किया जाएगा।
इस बारे में चाइनीज एकेडमी ऑफ पर्सनेल साइंस से जुड़े निदेशक फांग श ने बताया कि देश के सम्मुख बढ़ती आबादी और जॉब मार्केट के संरचनात्मक असंतुलन की वजह से काफी दबाव है। ऐसे में सरकार के सामने इस समस्या से निपटने की चुनौती है।
जैसा कि हम जानते हैं कि दुनिया के कई देश महामारी के इस दौर में बेरोजगारी संकट से जूझ रहे हैं। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन इस चुनौती और परेशानी से अच्छी तरह परिचित है।
यही कारण है कि हाल में हुए महत्वपूर्ण वार्षिक दो सत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर प्रदान करने पर जोर दिया गया। इसका असर आगामी महीनों में देखने को मिलेगा, जब लोगों को नौकरियां हासिल होंगी।