चित्तूर: तमिलनाडु में कुन्नूर के पास बुधवार को हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य 11 कर्मियों के पार्थिव शरीर को गुरुवार को वायुसेना के विमान से दिल्ली लाया गया।
अब तक केवल तीन पार्थिव शरीर की पहचान हो पाई है, जिनमें जनरल बिपिन रावत, मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर हैं। इसलिए उनके पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।
हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए अन्य अधिकारियों और कर्मियों के शव इस कदर झुलसे हैं कि उन्हें पहचानना मुश्किल है, इसलिए बाकी शवों की पहचान डीएनए जांच से होगी और इसके बाद ही उनके परिजनों को सौंपे जाएंगे।
इस हादसे में मारे गए आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के निवासी लांस नायक बी.साईं तेजा के पार्थिव शरीर की भी पहचान नहीं हो सकी है।
पहचान के बाद साईं तेजा का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह चित्तूर लाए जाने की संभावना है। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके पैतृक गांव येगुवा रेगाडा में किया जाएगा। चित्तूर जिला प्रशासन, बी. साईं तेजा के परिवार के संपर्क में है।
चेन्नई से चिकित्सकों की एक टीम ने गुरुवार को साईं तेजा के परिजनों से भेंट की और उनके बेटा एवं बेटी के खून के सैंपल लेकर लौट गई, ताकि डीएनए जांच से पार्थिव शरीर की पहचान की जा सके।
पहचान के बाद पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह चित्तूर लाए जाने की संभावना है। जिला प्रशासन ने अंतिम संस्कार की तैयारियों पूरी कर ली हैं।
लांस नायक बी. साईं तेजा चित्तूर जिले के येगुवा रेगाडा गांव के रहने वाले थे। साईं तेजा 2013 में भारतीय सेना की बेंगलुरु रेजिमेंट में शामिल हुए। उन्हें पैरा कमांडो के रूप में प्रशिक्षित किया गया था।
वह हाल ही में सीडीएस के निजी स्टाफ में शामिल हुए थे। उनके परिवार में पत्नी श्यामला, बेटी और बेटा हैं। इस बीच बी. साईं तेजा के भाई महेश कुमार आज शाम मदनापल्ली पहुंचे।
कुमार सिक्किम में सेना पदस्थ हैं। साईं तेजा की पत्नी श्यामला ने कहा कि उनकी बातचीत दुर्घटना वाले दिन 9 बजे के आसपास हुई थी।