चक्रधरपुरः एक ओर जहां सरकार गरीबों को भूखे ना सोना पड़े, इसलिए राशन कार्डधारियों को अनाज बांट रही है, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों और पीडीएस दुकानदारों की लापरवाही का आलम यह है कि कीड़ा लगा सड़ा हुआ 10 क्विंटल 80 केजी गेहूं इन्हीं गरीबों के बीच खाने के लिए बांट दिया।
यह गेहूं ऐसा जिसे जानवर भी सूंघना तक पसंद ना करें। ऐसे में भला गरीब राशन कार्डधारियों का गुस्सा होना तो जायज है। मामला चक्रधरपुर प्रखंड के नलिता पंचायत अंतर्गत कायदा गांव का है।
पूर्व विधायक की जांच में सही पाया गया मामला
इसकी शिकायत ग्रामीणों ने पूर्व विधायक शशि भूषण सामड से की, जिसके बाद पूर्व विधायक सामड कायदा गांव पहुंचे और राशन डीलर द्वारा वितरित किए गए गेहूं की जांच की।
जांच में राशन डीलर द्वारा कीड़ा लगा सड़ा गेहूं का वितरण किया गया है, इसकी पुष्टि हुई। यह गेहूं जानवर के खाने लायक भी नहीं है।
इसके बाद पूर्व विधायक ग्रामीणों के साथ राशन दुकान पहुंचे, वहां उन्होंने राशन डीलर सीताराम सामड से मामले की पूरी जानकारी ली। डीलर ने बताया कि गोदाम से ही सील पैक अनाज भेजा गया है।
पीएच कार्डधारियों के लिए 10 क्विंटल 80 केजी और अंत्योदय कार्डधारियों के लिए 4 क्विंटल 20 केजी गेहूं पहुंचा है।
विभागीय गोदाम के एजीएम से कंप्लेन
इधर, डीलर ने बताया कि 10 क्विंटल 80 किलो गेहूं का वितरण कार्डधारियों के बीच किया गया है। प्रत्येक बोरा में कीड़ा लगा सड़ा गेहूं निकल रहा है।
इसके बाद पूर्व विधायक सामड ने खाद्य आपूर्ति विभाग के गोदाम के एजीएम मनोज कुमार सिन्हा से शिकायत की।
एजीएम ने कहा कि राशन कार्डधारियों के बीच वितरित किए गए जितने भी गेहूं हैं उसे डीलर को वापस कर दिया जाए, ताकि राशन डीलरों के बीच शुद्ध गेहूं का वितरण किया जा सके।
इसके बाद सभी कार्डधारियों ने डीलर के पास कीड़ा लगा सड़ा गेहूं को वापस कर दिया।
पूर्व विधायक ने कार्रवाई की मांग की
पूर्व विधायक सामड ने कहा कि डोर टू डोर अनाज पहुंचाने वाली एजेंसी की लापरवाही के कारण गरीबों के बीच कीड़ा लगा सड़ा गेहूं का वितरण किया जा रहा है।
कायदा गांव प्रखंड मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर है। कायदा गांव में ऑनलाइन रसीद नहीं निकलती है। ग्रामीणों की मांग पर ऑफलाइन राशन का वितरण किया जाए।
इस मामले को लेकर उपायुक्त व जिला खाद्य आपूर्ति पदाधिकारी को पत्र सौंपा जाएगा, ताकि कार्रवाई हो सके।
मौके पर सोमनाथ सामड, सुनील सामड, इंद्रजीत सामड, लक्ष्मण सामड, दिनेश चंद्र सामड, गोपाल सामड, सुखराम के राई, मानसिंह के राई, सुकुर मुनी सामड, तुरी तांती, मेवालाल सामड, मोहन राम सामड, घनश्याम सामड समेत भारी संख्या में राशन कार्ड धारी मौजूद थे।