शिमला: नाबालिग के गर्भ से चार सप्ताह का भ्रूण कहां गया, इसकी पड़ताल सीआईडी करेगी। हिमाचल हाईकोर्ट ने मंडी जिले के मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपकर जल्द रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
मामले में शक के आधार पर गिरफ्तार किए युवक को अदालत ने जमानत दे दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक अक्टूबर-2020 में नाबालिग के पेट दर्द हुआ,तब वह मां के साथ जांच के लिए अस्पताल गई।
जांच के दौरान नाबालिग के गर्भवती होने की बात सामने आई।
अल्ट्रासाउंड में गर्भ में चार से आठ सप्ताह का भ्रूण मिला। डॉक्टरों ने नाबालिग के गर्भवती होने की बात उसकी मां को बताई थी।
मां ने बेटी से पूछताछ की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
हालांकि, शक के आधार पर मां ने युवक के विरुद्ध पुलिस के पास शिकायत दी।
इसके बाद पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस ने जब दोबारा स्वास्थ्य संस्थान में नाबालिग की मेडिकल जांच हुई, तब भ्रूण नहीं मिला।
पहली बार जांच करने वाले डॉक्टर इस बात से हैरान थे। रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस भी हैरान हो गई।
पुलिस के समक्ष भी नाबालिग ने युवक पर कोई आरोप नहीं लगाए थे।
पुलिस को 60 दिन के अंदर कोर्ट में चालान पेश करना था।
जांच में पुलिस को कुछ नहीं मिला तब क्लोजर रिपोर्ट तैयार हुई।
लेकिन आरोपी युवक को जमानत नहीं मिली और वह जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचा।
अब युवक को जमानत मिल गई है, मगर नाबालिग के पेट से भ्रूण कहां, कैसे गायब हो गया, पुलिस इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई।