D.Y Chandrachud On Legal profession Merits: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया D.Y चंद्रचूड सिंह (D.Y Chandrachud Singh) एक कार्यक्रम में कानून के पेशे में खूबियों और कमियों (Legal profession Merits and Shortcomings) पर बोल रहे थे तभी उन्होंने कुछ ऐसे उदाहरण दिए जो बेहद रोचक हैं।
चीफ जस्टिस D.Y चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कानून के पेशे पर विस्तार से बात की और बताया कि इस प्रोफेशन की क्या खूबियां और क्या कमियां हैं।
इस दौरान उन्होंने उदाहरण के तौर पर हाल में हुए एक वाक्या का भी जिक्र किया। CJI ने कहा कि हाल में सुप्रीम कोर्ट दिल्ली मुख्य सचिव की नियुक्ति से जुड़ी अर्जी पर सुनवाई कर रहा था।
अदालत में जहां एक तरफ डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी (Dr. Abhishek Manu Singhvi) थे तो दूसरी तरफ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता खड़े थे। बहस पूरी होने के बाद मैंने बेंच में अपने साथियों से कहा कि हम अपना जजमेंट लगे हाथ टाइप करा देते हैं। इससे और पारदर्शिता आएगी।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता महंगी और दुर्लभ पेन के हैं शौकीन
CJI ने कहा, ‘जब मैं अपना फैसला टाइप करवा रहा था मैंने एक रोचक दृश्य देखा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता डॉ. सिंघवी (Solicitor General Tushar Mehta Dr. Singhvi) के पास गए और दोनों हंसते मुस्कुराते बातें करने लगे।
मेरे मन में ख्याल आया कि शायद यह लोग कह रहे होंगे कि आखिर CJI इतना लंबा फैसला क्यों टाइप करवा रहे हैं? हो सकता है दोनों अपने लंच के बारे में भी बात कर रहे हों या कोई जोक मार रहे हों… हमारे प्रोफेशन का यही स्वभाव है’।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि बाद में जब मैंने हल्के-फुल्के अंदाज में SG तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि जब तक आप अपना फैसला टाइप करवा रहे थे, तब तक मैं डॉ. सिंघवी के पास चला गया।
हम दोनों के बीच सामान्य बातें हो रही थीं। मैंने उनसे कलम से लेकर उर्दू शायरी के बारे में बातचीत की। आपको बता दें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) महंगी और दुर्लभ पेन के शौकीन हैं। उन्हें उर्दू शायरी का भी शौक है।