नई दिल्ली: आज के दौर में न्यायपालिका (Judiciary) पर दबाव की बात की चर्चा भी जोर-शोर से हो रही है। इस बीच क्या भारतीय न्याय व्यवस्था (Indian Judicial System) पर सरकार का दबाव है, इस बात का जवाब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने सहजता से दिया है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि अपने 23 साल के कॅरियर में मैंने कभी भी ऐसा कुछ महसूस नहीं किया। CJI ने कहा कि मुझसे कभी किसी ने नहीं कहा कि कोई फैसला कैसे किया जाए। DY चंद्रचूड़ सिंह (DY Chandrachud Singh) ने इस दौरान कहा कि हम लोगों ने अपने लिए कुछ लाइन खींच रखी है।
CJI शनिवार को इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। भारत (India) के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच अंतर बिल्कुल स्पष्ट है। हम उन सिद्धांतों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं, जिनका हम पालन करते हैं।
लोकतंत्र में हम करते हैं पूरा यकीन
चुनाव आयुक्तों (Election Commissioners) की नियुक्ति के फैसले का हवाला देते हुए CJI DY Chandrachud ने कहा कि मैं कभी अपने साथी से नहीं पूछता हूं कि फलां केस में क्या चल रहा है।
उन्होंने कहा कि Election Commissioners की नियुक्ति का फैसला एक ऐसा ही फैसला है। उन्होंने कहा कि मैं आपको एक के बाद एक ऐसे फैसलों के बारे में बता सकता हूं।
ऐसे फैसले सुर्खियों में नहीं आ पाते हैं। हमारे देश के Democracy का एक स्वरूप है और हम उसमें पूरा यकीन करते हैं।
सरकारों को ठहरा रहे हैं जवाबदेह
CJI ने कहा, आज का वक्त ऐसा है, जहां Social Media का बोलबाला है। इसके चलते सार्वजनिक संस्थानों के प्रति अविश्वास पैदा हो गया है। भारत (India) के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम लगातार सरकारों को जवाबदेह ठहरा रहे हैं।
अदालतें सत्ता (Courts Power) से सच बोल रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकारों को भी इस बात का कायदे से एहसास है कि उनका क्षेत्र क्या है और ठीक वैसे ही हम अपने क्षेत्र के बारे में जानते हैं।