Supreme Court: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को मान्यता देने का मामला अब Supreme Court पहुंच गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिग्गज नेता शरद पवार ने NCP पर अधिकार को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
Supreme Court ने कहा कि वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के रूप में मान्यता देने वाले निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली शरद की याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा।
भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने शरद पवार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर ध्यान दिया कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के हालिया आदेश के तहत याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करना जरुरी है।
विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा था कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट ही असली राकांपा है और संविधान में दलबदल विरोधी प्रावधानों का इस्तेमाल आंतरिक असंतोष को दबाने के लिए नहीं किया जा सकता है।
इसके पहले निर्वाचन आयोग ने 6 फरवरी को घोषणा की थी कि अजित पवार गुट ही असली राकांपा है और समूह को पार्टी का ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह भी आवंटित किया था।
याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग कर सिंघवी ने कहा, अब विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर शरद पवार समूह पार्टी व्हिप के अधीन होगा…हमारा मामला उद्धव ठाकरे से भी बदतर है, क्योंकि हमें कोई वैकल्पिक चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया गया है।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील सिंघवी की दलीलों को सुनने के बाद प्रधान न्यायाधीश (CJI) ने कहा, मैं अभी देखूंगा। यह याचिका शरद पवार ने अपनी निजी हैसियत से वकील अभिषेक के माध्यम से सोमवार शाम को दायर की थी। उसके पहले अजित गुट ने वकील अभिकल्प प्रताप सिंह के माध्यम से Supreme Court में एक कैविएट दायर की थी।