CJI DY Chandrachud: एक लेडी एडवोकेट (Lady Advocate) के तेवरों ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) को भी Impress कर दिया।
वकील की बहस सुनकर वो इस कदर प्रभावित हुए कि रिट को Dismiss कर बोले- उम्मीद है कि आपकी बहस फिर से अपनी कोर्ट में देखने को मिली।
वकील ने जिस तरह से अपनी PIL के लिए दलीलें पेश कीं वो CJI को Impress कर गईं। उनका कहना था कि अपने केस को लेकर ऐसी ही संजीदगी दिखनी चाहिए। वकीलों को अपने केस को लिस्ट कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर मारना चाहिए।
सीजेआई अब खुद करते हैं PIL की सुनवाई
एक रिपोर्ट के मुताबिक सीजेआई कोर्ट नंबर 1 में PIL की सुनवाई कर रहे थे। हालांकि जनहित याचिकाओं पर पहले कई अदालतों में सुनवाई हो जाती थी। लेकिन नए नियम के तहत CJI ने ऐसी सारी याचिकाओं पर खुद सुनवाई करने का फैसला किया है।
इसी क्रम के तहत महिला वकील ने अपना केस CJI के सामने रखा। एडवोकेट ने दलीलें देकर बताने की कोशिश की कि ये केस कितना अहम है।
एक जस्टिस ने तीखी टिप्पणी की थी
ध्यान रहे कि अक्सर वकील केस की सुनवाई के दौरान तारीख लेने में ज्यादा रुचि दिखाते हैं। उनके इस रवैया पर सुप्रीम कोर्ट के एक जस्टिस ने तीखी टिप्पणी भी की थी।
उनका कहना था कि शीर्ष अदालत तक पहुंचने में किसी भी शख्स का बहुत सारा पैसा और समय लगता है। ऐसे में वकीलों को चाहिए कि वो केस की सुनवाई के दौरान अपनी दलीलें कोर्ट में रखें। लेकिन एडवोकेट तुरंत तारीख लेने की जुगत भिड़ाने लग जाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में कई बार ऐसे वाकये सामने आए हैं जब Adjournment को लेकर जस्टिसेज के सामने ही वकील आपस में भिड़ गए। एक पक्ष तारीख मांग रहा था तो दूसरा सुनवाई पर अड़ा था।
वकीलों को गुस्सा तब आया जब सॉलिसिटर (Solicitor) किसी अहम मसले पर स्थगन मांग रहे थे। वकीलों का कहना था कि तारीख को आगे बढ़वाना उनकी आदत बन गई है।