Supreme court : उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने कहा है कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) का तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर दूर तक करने के केंद्र सरकार के फैसले से Punjab Police की शक्तियों का अतिक्रमण नहीं हुआ है।
पीठ ने पंजाब सरकार के वर्ष 2021 के वाद पर की मौखिक टिप्पणी
प्रधान न्यायाधीश D.Y. Chandrachur और न्यायमूर्ति J.B. Pardiwala तथा न्यायमूर्ति Manoj Mishra की पीठ ने शुक्रवार को पंजाब सरकार के वर्ष 2021 के वाद पर सुनवाई करते हुए मौखिक टिप्पणी की।
उसने केंद्र की ओर से पक्ष रख रहे Solicitor General तुषार मेहता और पंजाब सरकार (Tushar Mehta and Punjab Government) का पक्ष रख रहे वकील शादान फरासत के साथ बैठक कर उन मुद्दों पर निर्णय संयुक्त रूप से करने को कहा जिन पर पीठ को फैसला करना है।
पीठ ने कहा कि दोनों पक्ष परस्पर विचार-विमर्श करेंगे ताकि अगली तारीख से पहले मामले को निपटाया जा सके। उसने कहा कि पंजाब के महाधिवक्ता इस बैठक में भाग ले सकते हैं।
सुनवाई में कहा कि B.S.F. का सीमावर्ती राज्यों में अधिकार
प्रधान न्यायाधीश ने Record का अध्ययन करने के बाद प्रथम दृष्टया कहा कि ऐसे समवर्ती अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल B S F और राज्य पुलिस दोनों कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस से जांच का अधिकार नहीं छीना गया है। सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) ने एक संक्षिप्त सुनवाई में कहा कि B.S.F. का सभी सीमावर्ती राज्यों में अधिकार क्षेत्र है।
उन्होंने बताया कि गुजरात जैसे राज्यों में BSF का अधिकार क्षेत्र 80 किलोमीटर तक था जो अब सभी सीमावर्ती राज्यों में एक समान 50 किलोमीटर है।