CUJ Convocation: मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन (Champai Soren) ने कहा कि झारखंड के एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) के तृतीय दीक्षांत समारोह में आप सभी के मध्य उपस्थित होना मेरे लिए विशेष गौरव का क्षण है।
सर्वप्रथम मैं पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक समाप्त कर उपाधि पा रहे कुल 800 स्नातकों, परास्नातकों और शोधार्थियों को बधाई देता हूं। साथ ही चांसलर मेडल, Gold Medal और PHD की उपाधि प्राप्त कर रहे शिक्षार्थियों को विशेष बधाई देता हूं।
मुख्यमंत्री बुधवार को Jharkhand Central University, चेरी, मनातू स्थित ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 के तहत 01 मार्च, 2009 को अस्तित्व में आया झारखंड का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंडवासियों के लिए गौरव की बात है। मुझे यह ज्ञात है कि विश्वविद्यालय वर्तमान में दो परिसरों में परिचालित हो रहा है। अस्थायी परिसर ब्राम्बे, रांची और स्थायी परिसर चेरी-मनातू गांव में स्थित है।
चम्पाई ने कहा कि स्थायी परिसर के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रथम चरण में 319 एकड़ गैरमजरुआ भूमि हस्तांतरित की गयी थी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने 139 एकड़ रैयती भूमि का अधिग्रहण करके केंद्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड को देने का निर्णय लिया है। इसमें से 15 एकड़ के अधिग्रहण के लिए लगभग 100 करोड़ की राशि का आवंटन किया जा चुका है। मुझे बताया गया है कि कुछ भूमि के अधिग्रहण में कतिपय समस्याएं हो रही हैं, इन्हें राज्य सरकार के द्वारा शीघ्र ही दूर कर लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में विद्युत आपूर्ति की निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में विद्युत सब-स्टेशन का निर्माण किया जा चुका है। इस परिसर के लिए जलापूर्ति की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित करने का कार्य भी राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। स्थायी परिसर में शैक्षणिक भवन एवं अन्य आंतरिक सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है।
झारखंड सरकार स्थायी परिसर के निर्माणाधीन विकास कार्य में अपनी भूमिका निभाने के लिए कृतसंकल्प एवं समर्पित है। राज्य सरकार विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में अपनी अहम भूमिका निभाएगा इसके लिए मैं आपको आश्वस्त करता हूं।
चम्पाई ने कहा कि यह दीक्षांत समारोह आपके शैक्षिक विकास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। आपके द्वारा अर्जित की गयी शिक्षा के उपरांत प्राप्त होने वाली यह उपाधि आपके कठोर परिश्रम और गहन समर्पण का परिणाम है। आप सबके लिए यह अवसर जितना महत्वपूर्ण है उतना ही आपके शिक्षकों, मार्गदर्शकों और अभिभावकों के लिए भी यह गौरव का क्षण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू की जा चुकी है तथा राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम अपनाया गया है। बहु-विषयक एवं रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों यथा मल्टीपल एंट्री-मल्टीपल एग्जिट, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट आदि का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है।
राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में नामांकन सीयूईटी के माध्यम से लिया जाने लगा है। राज्य में उच्च स्तरीय शोध कार्य के लिए बुनियादी संरचना विकसित करने, नवाचार और Start-up को बढ़ावा देने तथा शिक्षकों छात्रों की गुणवत्ता में उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
चम्पाई ने कहा कि आज जब आप उपाधि प्राप्त कर रहे हैं तो मैं आपसे यह अपेक्षा रखता हूं कि आप अपने लिए योग्य लक्ष्य निर्धारित करें और इसको साकार करने के लिए अपने ज्ञान और समर्पित परिश्रम का उपयोग करें। समाज को आपसे बहुत आशा, आकांक्षा और उम्मीदें है। आपके द्वारा प्राप्त की गई शिक्षा से झारखंड की भूमि लाभान्वित होगी।
इस अवसर पर राज्यपाल CP Radhakrishnan, केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जेपी लाल, विश्वविद्यालय के कुलपति क्षितिज भूषण दास सहित अन्य उपस्थित थे।