Champai Soren: मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन (Champai Soren) ने बुधवार को भवन निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, नगर विकास (City Development) एवं आवास विभाग, पथ निर्माण विभाग तथा ग्रामीण कार्य विभाग के 10 करोड़ रुपये की राशि से ऊपर की योजनाओं के अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई अहम निर्देश दिए।
सोरेन ने कहा कि इन योजनाओं से राज्य की विकास की दिशा तय होगी। ऐसे में ये सभी योजनाएं समय पर पूर्ण हों और इसकी गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए।
CM ने छह विभागों की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों से कहा कि जो भी योजनाएं चल रही है वह तय समय सीमा में पूरी हो जानी चाहिए।
जिस योजना की जो भी डेडलाइन तय है, उसी के अनुरूप कार्य में तेजी लाकर उसे पूरा करें ताकि उसका लाभ यहां की जनता को मिल सके।
योजनाओं के लंबित रहने से बढ़ जाती है लागत राशि
मुख्यमंत्री ने कई योजनाओं के लंबे समय से लंबित रहने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह राज्य हित में नहीं है। इससे योजनाओं की लागत राशि काफी बढ़ जाती है।
इस वजह से सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता है। ऐसे में जो भी लंबित योजनाएं हैं, उसको पूर्ण करने की दिशा में समुचित और त्वरित कदम उठाए जाएं।
विभागों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि वे विभिन्न योजनाओं को लेकर संबंधित विभागों के बीच समन्वय बनाकर कार्य करें ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार का व्यवधान आ रहा है तो उसका निराकरण हो सके।
उन्होंने कहा कि कई ऐसी योजनाएं होती है जिसमें विभिन्न विभागों की भागीदारी होती है ऐसे में वे विभाग मिलकर योजनाओं को गति देने का काम करें।
एक सप्ताह में योजनाओं की रिपोर्ट दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन परियोजना कब तक पूरी हो जायेगी। किन योजनाओं के क्रियान्वयन में समस्याएं आ रही है। उन समस्याओं की क्या प्रकृति है, इसकी पूरी सूची तैयार कर एक सप्ताह के अंदर समर्पित करने का निर्देश दिया, ताकि उसके समाधान की दिशा में अग्रतर कार्रवाई हो सके।
गर्मी में पेयजल संकट नहीं होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी का मौसम (Summer Season) आ रहा है। ऐसे में पेयजल का संकट नहीं हो, इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली जानी चाहिए। पेयजल से जुड़ी जो भी योजनाएं हैं उसे त्वरित गति दी जाए।
इसके अलावा जरूरतों को ध्यान में रखकर पेयजल की योजनाओं की कार्य योजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन करें।
सिंचाई से जुड़ी परियोजनाएं ऐसी बनें कि उसमें कम से कम गांव डूब क्षेत्र में आएं
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सिंचाई और जलाशय से जुड़ी परियोजनाओं में इस बात का पूरा ख्याल रखे कि डूब क्षेत्र में कम से कम गांव प्रभावित हों।
इससे विस्थापन समय कई समस्याएं उत्पन्न होती है। ऐसे में सिंचाई परियोजनाओं में आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल किया जाए।
विभागों में योजनाओं के अद्यतन स्थिति से कराया अवगत
भवन निर्माण विभाग के सचिव मनीष रंजन ने बताया कि वर्ष 2023- 24 में झारखंड उच्च न्यायालय, समाहरणालय धनबाद (Dhanbad) और समाहरणालय गढ़वा पूरी हो चुकी है जबकि अनुमंडलीय आवासीय भवन बनकर तैयार है तथा झारखंड भवन नई दिल्ली का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है।
इसके अलावा विधायक आवास रांची, कमांड कंट्रोल भवन रांची, लोहरदगा में समाहरणालय तथा कोर्ट भवन, गुमला तथा देवघर में समाहरणालय और रांची में ATI भवन का निर्माण कार्य जारी है।
उन्होंने भवन निर्माण निगम लिमिटेड (Corporation Limited) द्वारा विभिन्न विभागों के लिए बनाए जा रहे भवनों के निर्माण की अद्यतन स्थिति से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने गढ़वा मेगलिफ्ट सिंचाई परियोजना, मसलिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना, दुमका, सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना देवघर- जामताड़ा, पुनासी जलाशय प्रोजेक्ट देवघर, शुरू जलाशय योजना सरायकेला खरसावां, दुगनी बराज योजना सरायकेला खरसावां, पंचखेरो जलाशय हज़ारीबाग़- कोडरमा तथा सुवर्णरेखा बहुदेशीय परियोजना सरायकेला खरसावां, पश्चिम सिंहभूम पूर्वी सिंहभूम के अलावा अन्य सिंचाई परियोजनाओं के कार्य प्रगति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग (Sanitation Department) के सचिव राजेश शर्मा ने बताया कि पूरे राज्य में पेयजल से जुड़ी 101 योजनाएं ली गयी है। इन योजनाओं की कुल लागत 9731 करोड़ रुपये है। इसमें सात योजनाओं को छोड़कर बाकी सभी का कार्य प्रारंभ हो चुका है।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव चंद्रशेखर ने बताया कि लगभग 416 करोड़ रुपए की लागत से पूरे राज्य में 15 ठोस अपशिष्ट प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है।
इसमें कुछ का निर्माण पूरा हो चुका है जबकि कुछ योजनाओं पर कार्य चल रहा है। उन्होंने केंद्रीय वित्त पोषित योजनाओं के तहत अमृत योजना, नमामि गंगे योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी से जुड़ी अद्यतन जानकारी भी दी।
सचिव ने यह भी बताया कि राज्य वित्त पोषित योजना के तहत 29 तथा वर्ल्ड बैंक की 1 एवं एशियाई विकास बैंक की 3 योजनाओं पर कार्य हो रहा है। राज्यभर में पथ निर्माण की 241 योजनाओं पर कार्य हो रहा है।
इन योजनाओं के तहत लगभग 4600 किलोमीटर सड़क बनाई जा रही है। विभागीय सचिव सुनील कुमार ने इन सड़क योजनाओं की अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव के. श्रीनिवासन ने मुख्यमंत्री को बताया कि 6623 करोड़ रुपये की लागत से 528 योजनाएं ली गई है। इसमें 289 योजनाओं की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
इनमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 54, मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना की 11, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की 4 और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क सुदृढ़ीकरण योजना की 459 योजनाएं हैं।