रांची: CM हेमंत सोरेन ने नव निर्मित झारखण्ड विधानसभा और झारखंड उच्च न्यायालय के निर्माण कार्य में बरती गई वित्तीय अनियमितता की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB ) से कराने का आदेश दिया है।
राजधानी रांची में जेएससीए JSCA स्टेडियम के नजदीक एचईसी से वापस ली गयी करीब 39 एकड़ भूमि पर झारखंड विधानसभा के नया भवन का करीब 465 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कराया गया है, लेकिन वर्ष 2019 में उदघाटन के तुरंत बाद विधानसभा के नये भवन के एक हिस्से में भीषण आगजनी की घटना ने सभी को चौंका दिया था।
वहीं निर्माण के एक-दो वर्ष के अंदर ही नये भवन में कई बड़ी टूट की घटना भी हो चुकी है, जिससे बड़ी दुर्घटना होते-होते टल गयी।
नवनिर्मित विधानसभा के गुंबद का एक हिस्सा पिछले दिनों आंधी-तूफान में उड़ गया था, तीन-चार बार विभिन्न हिस्सों में सीलिंग टूटने की भी घटना हो चुकी है।
इधर, विधानसभा के सामने ही हाईकोर्ट के नये भवन का निर्माण भी कराया जा रहा है।
इस भवन निर्माण कार्य में भी वित्तीय अनियमितता की बात सामने आ रही है और निर्माण कार्य अब तक अधूरा है, जिसके कारण हाईकोर्ट अब तक नये भवन में शिफ्ट नहीं हो पाया है।
हाईकोर्ट भवन में निर्माण कार्य में कथित वित्तीय अनियमितता के मामले में एक जनहित याचिका भी अदालत में दाखिल की गयी है।
बताया गया है कि निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है और प्राक्कलित राशि लगातार बढ़ती जा रही है।
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी पिछले वर्ष झारखंड में नवनिर्मित हाईकोर्ट भवन और विधान सभा भवन पर भारी जुर्माना ठोका है।
एनजीटी ने पर्यावरण स्वीकृति के बिना हाईकोर्ट और विधानसभा भवन का निर्माण होने की बात कही है। इस आधार पर हाईकोर्ट भवन पर 66 करोड़ और विधानसभा भवन पर 47 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका था।