दुमका: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की जनता का हक केंद्र व व्यापारियों से लड़कर लेंगे।
राज्य सरकार जनता की भावना और अपेक्षाओं के अनुरूप आदिवासी, मूलवासी, पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक समेत समस्त झारखंडवासियों के हितों के लिए प्रतिबद्ध होकर काम कर रही है।
उन्होंने कोराना काल के दौरान सूदूर इलाके में फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के साथ रोजी-रोजगार की समस्याओं से निजात दिलाने की दिशा में किये गये कार्यों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के बंधन को समाप्त कर सभी वृद्धों एवं अन्य बेसहारा लोगों को पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को गांधी में मैदान में झामुमो स्थापना दिवस पर आयोजित सादे समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की नियमावली बनायी गयी है।
वर्ष 2021 नियुक्ति का वर्ष होगा। 10-15 दिन के भीतर शिक्षित युवाओं के रोजगार का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा और रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।
उन्होंने धोती साड़ी, बिरसा हरित ग्रामीण योजना, खेल नीति बनाने सहित कई योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि अलग झारखंड राज्य के गठन के बाद लगभग 20 वर्ष से अधिक समय तक राज्य की सत्ता का बागडोर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों में रहा।
अलग राज्य हासिल करने के बाद भी षड्यंत्रकारियों ने झारखंडियों की सरकार को बहुत अधिक समय तक नहीं चलने दिया। अब 2019 में जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार ने राज्य का जो हाल बना रखा है उससे निपटने में सरकार जुटी है।
जब तक झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन हैं तब तक झारखंड का कोई बाल बांका नहीं कर पायेगा।
झारखंड अपना हक लेकर रहा है, आगे भी केंद्र सरकार हो या व्यापारी कोई भी उससे अपना अधिकार लेकर रहेगा।