गढ़वा: गरीबों को छत मुहैया कराने की केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास में कमीशन का खेल किस कदर हावी है।
इसका ताजा उदाहरण गढ़वा जिले में देखने को मिला है, जहां कमीशन के 3000 रुपए देने में असमर्थता जताने पर लाभुक को मृत बताते हुए पंचायत कर्मियों ने उसका नाम ही प्रधानमंत्री आवास की सूची से हटा दिया।
मामले का खुलासा तब हुआ जब लाभुक तमाम जरूरी दस्तावेज जुटाकर आवास के लिए रजिस्ट्रेशन कराने प्रखंड कार्यालय पहुंचा।
वहां, पीएम आवास से संबंधित कर्मियों ने न केवल उसे मृत बताया, बल्कि उसके परिवार में कोई अन्य सदस्य न होने तक की बात कह डाली। लाभुक की पत्नी मंगनी देवी ने कहा कि पैसे नहीं देने पर हम लोगों का नाम पीएम आवास की सूची से काट दिया गया।
क्या कहता है लाभुक
जरही गांव निमियाखांड टोला निवासी लाभुक रघुवीर चौधरी ने बताया कि वार्ड नंबर 1 के वार्ड सदस्य जनधन यादव एक वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री आवास का रजिस्ट्रेशन कराने मेरे घर पहुंचे।
प्रधानमंत्री आवास का रजिस्ट्रेशन हेतु संबंधित दस्तावेज की मांग की। दस्तावेज लेने के बाद वार्ड सदस्य रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर 3000 रुपए की मांग करने लगा। पैसा नहीं रहने के कारण मैं पैसा नहीं दे सका।
मुखिया की अध्यक्षता में हुई आमसभा में काटा नाम
इसके बाद 16 मार्च 2020 को अयोग्य लोगों का प्रधानमंत्री आवास सूची से नाम काटने के लिए मुखिया की अध्यक्षता में आमसभा बुलाई गई। जहां वार्ड सदस्य द्वारा रघुवीर चौधरी को मृत बताकर उसका नाम कटवा दिया गया।
लाभुक को इसकी जानकारी तब हुई जब वह अपने सारे आवश्यक दस्तावेज लेकर सीधे प्रखंड कार्यालय अपने आवास का रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचा।
वहां पीएम आवास के संबंधित कर्मियों ने उसे मृत बताया और कहा कि रघुवीर चौधरी मृत व्यक्ति है और उसका कोई पारिवारिक सदस्य भी नहीं है। इसलिए आवास रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। उसका प्रधानमंत्री सूची से आमसभा के दौरान ही नाम काट दिया गया है।