मुजफ्फरपुर: Bihar के मुजफ्फरपुर न्यायालय (Muzaffarpur Court) में मंगलवार को कई क्रिकेटर्स (Cricketers) समेत फिल्म अभिनेताओं (Film Actors) पर परिवाद दायर किया गया है।
भारतीय टीम (Indain Team) के कप्तान रोहित शर्मा, फिल्म अभिनेता आमिर खान,क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और BCCI के पूर्व चेयरमैन सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) के खिलाफ परिवाद दायर हुई है।
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी शिकायतकर्ता
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी शिकायतकर्ता है। न्यायालय ने इसे स्वीकार भी कर लिया है।
उन पर आरोप लगा है कि ड्रीम 11 एप जैसे प्लेटफॉर्म से वो प्रचार प्रसार के जरिए युवाओं को भ्रमित कर रहे। जुए को प्रमोट कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने बताया कि आज कल ड्रीम 11,MPL और विभिन्न प्रकार की मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन (Mobile Gaming Application) द्वारा टीम बनाकर खुलेआम जुआ खेलने का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा।
इस गेम का प्रचार-प्रसार कई क्रिकेटर (Cricketer) और फिल्म अभिनेता मोटी रकम लेकर कर रहे हैं।
देश के करोड़ो युवा और बच्चे उनको अपना आदर्श मानते
देश के करोड़ो युवा और बच्चे उनको अपना आदर्श मानते हैं। नाबालिग बच्चे (Minor Child) अपने पैसे गंवा रहे।
इनकी बातों में आकर प्रतिदिन करोड़ो युवा और नाबालिग बच्चे इस खेल के माध्यम से अपने जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे।
करोड़ो नौजवान बच्चों (Young Children) को प्रचार प्रसार के माध्यम से विश्वास में लेकर अपने निजी स्वार्थ और पैसे के लिए देश के नौनिहालों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।
सुनवाई की अगली तिथि 20 अप्रैल 2023 को दी गई
न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता का परिवाद स्वीकार कर लिया है। परिवाद धारा 292,293,294,406 और 420 IPC के तहत दायर की गई है। सुनवाई की अगली तिथि 20 अप्रैल 2023 को दी गई है।
भारत में ऑनलाइन गेमिंग (Online Gaming) का बाजार इस साल 2.6 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। इनमें ऐसे भी ऑनलाइन गेम्स (Online Games) शामिल है,जिन पर सट्टेबाजी की जाती है।
इस तरह के ऑनलाइन गेम्स के लिए के लिए अब केंद्र सरकार (Central Government) नए नियम लागू करने जा रही है।
IT Rules 2023 में संशोधन को लेकर कहा गया है कि इंडिया (India) में उपलब्ध मोबाइल या कंप्यूटर गेम्स (Mobile or Computer Games) में अब सट्टेबाजी या जुआ की परमिशन नहीं दी जाएगी।
इन गैमस् को रोका जाएगा
ऐसे गेम्स जिनमें गैंबलिंग प्लेटफॉर्म मुहैया कराया जाता है, उन्हें रोका जाएगा। कौन-सा गेम चलता रहेगा और कौन-सा गेम देश में बैन होगा, इसका फैसला लेने के लिए सरकार द्वारा कुछ सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन (Self Regulatory Organization) बनाए जाएंगे।
जो भारत में उपलब्ध ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म (Online Gamming Platform) की निगरानी करेंगे।
SRO ही जांच-पड़ताल करने के बाद तय करेंगे किस ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को देश में एक्टिव (Active) रहने की परमिशन दी जा सकती है और किसे नहीं।