इस मुहूर्त में पूर्ण करें कलश स्थापना की विधि, बन रहें शुभ संयोग

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नई दिल्ली: 26 सितंबर 2022, सोमवार से शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) शुरू होने वाली है।

इस वर्ष माता रानी हाथी की सवारी पर आ रही हैं। पहले दिन शुक्ल व ब्रह्म योग (Shukla and Brahma Yoga) का अद्भभुत संयोग बनने वाला है।

शुक्ल व ब्रह्म योग का महत्व

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक शुक्ल योग रहेगा। इसके बाद ब्रह्म योग शुरू होगा।

शास्त्रों के अनुसार, शुक्ल व ब्रह्म योग (Shukla and Brahma Yoga) में किए गए कार्यों को बेहद शुभ फलदायी माना गया है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

आश्विन घटस्थापना सोमवार, सितम्बर 26, 2022 को की जाएगी। घटस्थापना मुहूर्त – 06:11 AM से 07:51 AMतक रहेगा।

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इसकी अवधि – 01 घण्टा 40 मिनट तक रहेगी। घटस्थापना अभिजित मुहूर्त – 11:48 AM  से 12:36 PM तक रहेगा। अवधि – 00 घण्टे 48 मिनट तक।

नवरात्रि के पहले दिन बन रहे ये शुभ संयोग-

ब्रह्म मुहूर्त- 04:36 AM से 05:23AM।

अभिजित मुहूर्त- 11:48 AM से 12:36 PM।

विजय मुहूर्त- 02:13 PM से 03:01 PM।

गोधूलि मुहूर्त- 06:01 PM से 06:25 PM।

अमृत काल 12:11 AM, सितम्बर 27 से 01:49 AM।

कलश स्थापना के अशुभ समय

राहुकाल- 07:41 AM से 09:12 AM।

यमगण्ड-10:42 AM से 12:12 PM।

दुर्मुहूर्त-12:36 PM से 01:24 PM

गुलिक काल- 01:42 PM से 03:13 PM।

वर्ज्य- 02:27PM से 04:04 PM।

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