न्यूज़ अरोमा दुमका: दुमका मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल से गर्भवती महिला सुरजी रानी को इलाज करने की बजाय निजी अस्पताल भेजने के मामले में बुधवार को महिला रोग विशेषज्ञ डा. मिताली व विभाग प्रमुख सविता शुक्ला दास से शोकॉज किया गया है।
दोनों को जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो कार्रवाई भी संभव है।
सात दिसंबर को गोपीकांदर प्रखंड के जीतपुर के रहने वाले रूपम देहरी ने गर्भवती पत्नी को प्रसव के लिए सुबह तीन अस्पताल में भर्ती कराया।
महिला की जांच करने की बजाय डा. मिताली ने सुविधा न होने का हवाला देकर रूपम को भारती अस्पताल ले जाने की सलाह दी।
निजी अस्पताल में आपरेशन के लिए उससे 35 हजार की मांग की गई। मांग पूरी नहीं करने पर महिला को फिर से डीएमसीएच भेज दिया गया।
यहां से महिला को सिउड़ी रेफर कर दिया गया, जहां देर शाम उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद मेडिकल कालेज की व्यवस्था पर सवालिया निशान लग गया।
अधीक्षक ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिम्मेवार डाक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
गर्मवती पहाड़िया महिला को सरकारी से निजी अस्पताल भेजने के मामले में महिला चिकित्सक व विभाग प्रमुख को कारण बताओ नोटिस भेजकर तीन दिन में जवाब देने का निर्देश दिया गया है।
जवाब के आधार पर ही आगे एक्शन लिया जाएगा।