चेन्नई: दो कम्युनिस्ट पार्टियां – माकपा और भाकपा, तमिलनाडु में कांग्रेस के साथ एक राजनीतिक गठबंधन में हैं, लेकिन केरल में वे मुख्य राजनीतिक विरोधी हैं।
गठबंधन की राजनीति का क्रम-परिवर्तन और संयोजन दोनों के लिए चुनौतियों को बढ़ा रहा है।
कन्याकुमारी लोकसभा के उम्मीदवार विजय वसंतकुमार और नागरकोइल विधानसभा के उम्मीदवारों के पोस्टर एक राहुल गांधी और सीताराम येचुरी की तस्वीरों के साथ हैं, लेकिन यहां से थोड़ी ही दूरी पर केरल के अंदर कालियाकविलाई ट्रांसपोर्ट चेक पोस्ट पर बिल्कुल अलग ही सीन है।
यहां वामपंथी और कांग्रेस के बीच जबर्दस्त राजनीतिक मुकाबला है।
कन्याकुमारी लोकसभा सीट से भाजपा नेता व पार्टी के उम्मीदवार पी. राधाकृष्णन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यह इन पार्टियों का दोहरा चरित्र है। माकपा ओर भाकपा दोनों राष्ट्रीय दल हैं और कांग्रेस भी है।
तमिलनाडु सीमा के उस पार वे एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन यहां वे सभी मित्र हैं। उनके लिए विचारधारा कोई मायने नहीं रखती।
दिलचस्प बात यह है कि कम्युनिस्ट पार्टियों ने कांग्रेस उम्मीदवार कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर विजय वसंतकुमार के लिए प्रचार भी किया है।
तमिलनाडु के कालियाकविलाई में माकपा के स्थानीय सचिव एम. मरियप्पन ने आईएएनएस को बताया, हम नरेंद्र मोदी और भाजपा की फासिस्ट सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं और सभी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक दलों को इस सरकार को खत्म करना होगा।
केरल में कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर मरियप्पन ने कहा, केरल में माकपा, कांग्रेस के खिलाफ लड़ रही है, और यहां भाजपा का ज्यादा प्रभाव नहीं है।
हम केरल में कांग्रेस को हराना चाहते हैं, लेकिन हमने तमिलनाडु में द्रमुक के साथ गठबंधन किया है और कांग्रेस उस गठबंधन का हिस्सा है।
बहरहाल, माकपा के नेताओं के पास इसका उचित जवाब नहीं है।
कुछ जानकारों का कहना है कि दोनों पार्टियां किसी भी तरह सत्ता में बने रहना चाहती हैं।
पलक्कड़ बॉर्डर पर भी वलयार चेकपोस्ट में अन्नाद्रमुक-भाजपा और द्रमुक-कांग्रेस-भाकपा-माकपा गठबंधन के उम्मीदवार के बीच कड़ा मुकाबला है। लेकिन, केरल सीमा के अंदर माकपा और कांग्रेस के बीच जोरदार मुकाबला है।