रांची: अखिल भारतीय कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के निर्देश और प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में पार्टी ने किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को राज्य मुख्यालय पर ‘किसान अधिकार दिवस’ मनाने का निर्णय लिया है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने गुरुवार को बताया कि किसान अधिकार दिवस के मौके पर शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान से राजभवन मार्च निकाला जाएगा।
राजभवन मार्च में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के अलावा प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मंत्री बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख सहित सभी वरिष्ठ नेता-कार्यकर्त्ता मौजूद रहेंगे।
राजभवन मार्च में हिस्सा लेने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से भी किसान और कांग्रेस कार्यकर्त्ताओं के रांची पहुंचने की खबर है।
प्रवक्ताओं ने कहा कि पार्टी का यह मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून को लेकर जो संज्ञान लिया व चिंता जाहिर की वह स्वागत योग्य है, लेकिन पार्टी यह मांग करती है कि इन तीनों कानूनों को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जो कमेटी गठित की है, उस कमेटी के सदस्य पहले ही यह कह चुके है कि ये तीन कानून सही है, किसान गलत है, किसान भटके हुए हैं। ऐसी कमेटी किसानों से कैसे न्याय करेगी।
उन्होंने बताया कि कमेटी के पहले सदस्य है, अशोक गुलाटी।
उन्होंने बाक़ायदा एकलेख लिखा और कहा कि ये तीन कानून बिल्कुल रास्ता व सही चीज है, ये भी कहा कि विपक्षी दल भटक गए है।
केंद्र सरकार की मंशा तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की नहीं दिख रही है, बल्कि किसी तरह से 26 जनवरी को किसानों के होने वाले शक्ति प्रदर्शन को कमजोर करना है।
यही कारण है कि इस बार किसानो ने लोहड़ी और मकर संक्रांति का त्योहार कृषि कानून के बिल की प्रति को जलाकर मनाया।
किसान दिवस के साथ ही बढ़ती महंगाई और गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ केंद्र का भेदभावपूर्ण रवैया भी एक प्रमुख मुद्दा है।
इसके पूर्व किसान अधिकार दिवस कार्यक्रम की सफलता को लेकर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बैठक हुई।
बैठक में कार्यक्रम की सफलता एवं भव्यता को लेकर रणनीति बनाई गई।
राज्य के विभिन्न कोने से आने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के स्वागत में प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी सुबह से ही स्टेशन और बस अड्डे पर मौजूद रहेंगे, ताकि उन्हें कोई परेशानी नहीं हो।
कार्यक्रम स्थल तक लोगों को पहुंचाने की जिम्मेवारी दी गई है।