भोपाल: कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई ने केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलनों का समर्थन करते हुए बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना में खाट महापंचायत का आयोजन किया।
इसमें कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं ने एकजुटता दिखाते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की।
कांग्रेस ने मुरैना के देवरी में राष्ट्रीय राजमार्ग के करीब बुधवार को खाट महापंचायत का आयोजन किया।
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि तीन काले किसान विरोधी कानूनों से न केवल कृषि क्षेत्र व किसान बर्बाद होगा, बल्कि इससे जुड़ा हर क्षेत्र बर्बाद होगा।
केंद्र सरकार इन किसान विरोधी तीनों काले कानूनों को तत्काल वापस ले।
उन्होंने कहा, आज किसान कड़ाके की ठंड में अपनी मोंगों को लेकर पिछले 56 दिन से आंदोलन कर रहे हैं।
ठंड में ठिठुरने से अभी तक 60 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार का अड़ियल व तानाशाही रुख बना हुआ है।
कमल नाथ ने इन तीनों कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए कानून की खामियां गिनाईं और कहा कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र प्राइवेट कंपनियों के हाथ में चला जाएगा।
मंडियां खत्म हो जाएंगी, एमएसपी खत्म हो जाएगी और कृषि क्षेत्र और किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।
कांट्रैक्ट फॉर्मिग के माध्यम से बड़े-बड़े औद्योगिक समूह किसानों को अपने जाल में फंसाकर बर्बाद कर देंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा, जनता को 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली देकर, किसानों का बिजली बिल आधा कर, कन्या विवाह की राशि बढ़ाकर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि डबल कर, माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर क्या हमने कोई पाप या गुनाह किया था?
शिवराज सरकार के काल में आज प्रदेश में कोई निवेश करने को तैयार नहीं होता, जितने उद्योग लगते नहीं, उससे ज्यादा बंद हो जाते हैं।
राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर शिवराज सरकार पर हमला करते हुए कमल नाथ ने कहा, मासूम बहन-बेटियां सबसे ज्यादा दरिंदगी का शिकार हो रही हैं।
हमारी सस्ती बिजली की इंदिरा गृह ज्योति योजना से मध्यमवर्गीय परिवारों को बाहर करने की तैयारी की जा रही है।
इस खाट पंचायत में कांग्रेस ने अपनी एकजुटता दिखाई और इस आयोजन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचैरी, अरुण यादव, अजय सिंह, सज्जन वर्मा, गोविंद सिंह, के.पी सिंह, दिनेश गुर्जर, राकेश मवई आदि उपस्थित थे।