नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन से सबक लेने के बावजूद कांग्रेस ने तमिलनाडु चुनाव में उन्हीं गलतियों को दोहराया है।
डीएमके के साथ चुनाव लड़ रही कांग्रेस ने गठबंधन में छह सीट ऐसी ली है, जिन पर पिछले बीस वर्षो में उसने कभी जीत दर्ज नहीं है। वहीं, आधा दर्जन से ज्यादा सीट ऐसी है, जहां पहले ही एआईएडीएमके गठबंधन मजबूत है।
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 25 सीट पर चुनाव लड़ रही है।
इसके बावजूद पार्टी नेताओं को बहुत बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं है। पार्टी के एक नेता के मुताबिक, करीब आधा दर्जन सीट ऐसी है, जिनपर पार्टी ने पिछले बीस साल में कभी जीत दर्ज नहीं की।
इसके अलावा गठबंधन में मिली पांच सीट पर पिछले दो चुनाव में कभी चुनाव नहीं लड़ा।
गठबंधन में सीट बंटवारे के साथ टिकट वितरण को लेकर भी कार्यकर्ता नाराज हैं।
इसकी वजह प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं के अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाना है। पार्टी ने पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदारों को चार टिकट दिए हैं। इससे कार्यकर्ता नाराज हैं।
इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए। पर पार्टी ने कार्यकर्ताओं की मांग को अनसुना कर दिया।
ऐसे में कांग्रेस के सामने अपना वर्ष 2016 का प्रदर्शन बरकरार रखना भी चुनौती है।
पर पार्टी की उम्मीद डीएमके के प्रदर्शन पर टिकी है।
तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के एक नेता ने कहा कि चुनाव में डीएमके के प्रति लोगों का रुझान है।
ऐसे में डीएमके कार्यकर्ता ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने की कोशिश करेंगे। इसका फायदा कांग्रेस को भी मिल सकता है।