भोपाल: मध्य प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने पर कांग्रेस की ओर से लगाए गए आरोपों पर मुख्यमंत्री सचिवालय के उप-सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम की ओर से उनके खिलाफ केस दर्ज कराए जाने पर कांग्रेस लामबंद हो गई है।
कांग्रेस का सवाल है कि सरकार इस बात की जांच कराए कि आखिर लक्ष्मण सिंह है कौन।
ज्ञात हो कि कांग्रेस के नेता और मीडिया विभाग के प्रभारी के के मिश्रा व व्हिसलब्लोअर डा आनंद राय ने प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के सोशल मीडिया पर वायरल हुए मोबाइल के स्क्रीन शॉट को लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय के उप-सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इस पर मरकाम ने अनुसूचित जाति थाने में मिश्रा व राय के खिलाफ मामला दर्ज कराया। कांग्रेस नेताओं पर एटोसिटी एक्ट के तहत भी प्रकरण दर्ज हुआ।
कंग्रेस नेताओं पर मामला दर्ज होने पर कांग्रेस खुलकर सरकार पर हमले बोल रही है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला और कहा, मध्यप्रदेश में उल्टा चोर कोतवाल को डांटे यह कहावत चरितार्थ हो रही है।
शिक्षा वर्ग तीन पात्रता परीक्षा का पेपर लीक होता है और एफआईआर दर्ज होती है, केके मिश्रा और आनंद राय के खिलाफ।
उन्होंने आगे कहा मुझे सरकार से उम्मीद थी कि जिन्होंने गड़बड़ी कर लाखों युवाओं का भविष्य चौपट किया उन पर एफआईआर होगी, मगर भ्रष्टाचारियों को तो सरकार का संरक्षण है, इसलिए सरकार व्यापमं घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर एफआईआर करवा रहीं है।
सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें न कि आवाज उठाने वालों के खिलाफ।आखिर सबको पता चलना चाहिए लक्ष्मण सिंह कौन है ?
इस मामले में कांग्रेस के विधायक और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री चौहान को पत्र लिखकर कई सवाल उठाए हैं।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, मध्यप्रदेश का राजनीतिक इतिहास प्रमाण है कि वैचारिक असमानताओं और असहमतियों के बावजूद, दलगत कटुता व द्वेषता को कभी निर्णायक जगह नहीं मिल पाई। लेकिन, दुर्भाग्यवश भाजपा अब बदले की भावना से काम करती नजर आ रही है।
कांग्रेस विधायक पटवारी ने अपने पत्र में साफ किया है कि मिश्रा के साथ पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता है और निर्णायक संघर्ष कांग्रेस का बुनियादी संस्कार है।