नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ 71 दिनों से चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर कांग्रेस के दो सांसदों ने बजट भाषण के दौरान सदन में काला गाउन पहन कर विरोध जताया।
पंजाब के कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल और गुरजीत सिंह औजला ने अपने गाउन पर ‘काले कानून वापस लो’ और ‘खेत मजदूरों को धोखा मात दो’ के नारे लिखे थे।
दिल्ली-हरियाणा सीमा पर इंटरनेट बैन को लेकर सवाल किया है कि क्या यही डिजिटल इंडिया है। आखिर किसानों को बजट कि जानकारियों से दूर क्यों रखा जा रहा है।
काला गाउन पहन संसद पहुंचने को लेकर पंजाब के खडुर साहिब से लोकसभा सांसद जसबीर सिंह गिल ने कहा कि हरियाणा की सीमाओं पर इंटरनेट बैन कर दिया गया है।
क्या ये सरकार किसानों को डिजिटल इंडिया का हिस्सा नहीं मानती है?
उन्होंने कहा कि सरकार डिजिटल बजट पेश कर रही है लेकिन लोगों को इंटरनेट नहीं दे रही है। इसका क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि आज सरकार जब अपनों की बात नहीं सुन रही है तो हमें किसानों की आवाज बनना पड़ रहा है।
पंजाब के अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि जिन लोगों के लिए बजट पेश किया जा रहा है वे किसान, मजदूर सड़कों पर हैं।
दो महीनों से ज्यादा समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार है कि उनकी समस्या सुनने के बजाय उन्हें डराने-धमकाने में लगी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्तमान में लोकतंत्र का ऐसा प्रारूप गढ़ा है कि लोग ही दबाए-कुचले जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को देखते हुए हरियाणा की भाजपा सरकार ने इंटरनेट बैन कर रखा है।
एक फरवरी शाम 5 बजे तक इंटरनेट बंद रखा जाएगा। यहां कुल 14 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। इसी को लेकर कांग्रेस सांसदों ने सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ मुहिम का मखौल बनाया है।