रांची में महंगाई को लेकर कांग्रेस का धरना, रिक्शा चलाकर जताया विरोध

Central Desk

रांची : अखिल भारतीय कांग्रेस के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस की ओर से महंगाई मुक्त भारत अभियान के तहत गुरूवार को राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया।

इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस सहित खाद्य सामग्री की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि पर लगाम लगाने की मांग की।

मौके पर कांग्रेस विधायक दल के नेता सह मंत्री आलगीर आलम ने कहा कि पिछले दस दिनों में केन्द्र सरकार ने नौ बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है। सरकार इस बृद्धि से हजारो करोड़ रूपया कमा रही है। राज्य की जनता तील-तील मरने को विवश है।

वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार ने तो बीमार व्यक्तिों को भी नहीं बख्श रही है। 800 जरूरी दवाइयों के मुल्यों में 10.76 प्रतिशत की वृद्धि की है। इसका मतलब यह है कि थाली से निवाला छीनेंगे ही और अगर बीमार हुए तो भी दवाई खरीद नहीं पायेंगे।

 

कोरोना वैश्विक मंदी लोगों की नौकरियां छीन ली और एक ओर केंद्र सरकार थाली से निवाला

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सिर्फ पेट्रोल और डीजल के दाम ही नहीं बढ़ते बल्कि इससे प्रभावित सभी प्रकार के खाद्य सामग्रियां, स्कूल के फीस, बस भाड़ा पर भी महंगाई की मार होती है। उन्होंने कहा कि जहां एक और कोरोना वैश्विक मंदी लोगों की नौकरियां छीन ली और एक ओर केंद्र सरकार थाली से निवाला।

मंत्री बादल ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक सरकार नहीं चल रही है बल्कि चंद पूंजीपतियों की पिठू के रूप में केन्द्र सरकार काम कर रही है।

केंद्र सरकार के पिछले तीन सालों में कच्चे तेल का औसत मूल्य आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक 60.6 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था, जबकि साल 2011 से साल 2014 के बीच यूपीए सरकार के अंतिम तीन सालों में कच्चे तेल का औसत मूल्य 108.46 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल था।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि केंद्र सरकार में महंगाई एक दैनिक कार्यक्रम बन गई है, जिसका जश्न भाजपा द्वारा देश के नागरिकों को उपहाश करके मनाया जा रहा है।