रांची: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने अखिल भारतीय कांग्रेस की ओर से जारी धरोहर श्रृंखला की 28वीं वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर देश के वर्तमान पीढ़ियों को अवगत कराने का काम किया।
उरांव शनिवार को राष्ट्र निर्माण की अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की 28वीं वीडियो को अपने सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट को शेयर करने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस अधिवेशन में साइमन कमीशन का बहिष्कार और पूर्ण स्वराज के संकल्प ने देशवासियों को जोश से भर कर अंग्रेजी हुकूमत की नींव को खोखला कर दिया था।
आज का एपिसोड स्वतंत्रता संग्राम के दौरान संघर्ष को बयान कर हर देशवासी को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत करता है। उरांव ने कहा कि असहयोग आंदोलन के बाद कांग्रेस अधिवेशन लगातार जनता को ऊर्जा से भरपूर और उत्साह से लबरेज रख रहे थे।
इसी कड़ी में मद्रास में 1927 के कांग्रेस अधिवेशन में दो बड़े निर्णय लिए गए, साइमन कमीशन का बहिष्कार और पूर्ण स्वराज्य का संकल्प।
दरअसल 1919 के मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधारों की समीक्षा के लिए ब्रिटिश हुकूमत ने एक आयोग बनाया। इस आयोग के अध्यक्ष थे सर जॉन साइमन और उनका काम था 1919 के सुधारों की भारतीय हितों के हिसाब से जांच करना ।
अब अंग्रेजों का अहंकार देखिए कि भारतीयों के हितों की बात थी और कमीशन का एक भी सदस्य भारतीय नहीं था। यह लगभग वैसी ही बात थी कि किसानों के हित में कानून बनाए और किसानों की ही राय न शामिल हो उसमें।
कमीशन में एक भी भारतीय को शामिल न करना भारतीयों का अपमान था ,इस अपमान के विरुद्ध स्वाभिमानी भारतीयों ने साइमन कमीशन का विरोध करने का फैसला लिया महात्मा गांधी से लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू और पूरी कांग्रेस देशवासियों के साथ मिलकर साइमन कमीशन के विरोध में खड़ी हो गई।
उसी प्रकार जिस प्रकार आज भाजपा की केंद्र सरकार देश में किसानों के खिलाफ कानून बनाकर बगैर उनकी सहमति के थोपने का काम किया है।