मुंबई: शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार डीजल-पेट्रोल पर लगे वैट को कम करने पर विचार कर रही है। महा विकास आघाड़ी सरकार हमेशा डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरा का विरोध करती रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से डीजल-पेट्रोल पर पांच रुपये एक्साइज ड्यूटी कम करना,जनता का मजाक उड़ाने जैसा है। केंद्र सरकार ने यह कदम उपचुनाव हारने के बाद किया है।
संजय राऊत ने गुरुवार को मुंबई में पत्रकारों से कहा कि डीजल-पेट्रोल की 100 रुपये कीमत बढ़ाने के बाद पांच रुपये कम करने से जनता को कोई राहत नहीं मिलने वाली है। कम से कम 25 से 30 रुपये तक इक्साइज ड्यूटी कम करना चाहिए था।
राऊत ने कहा कि महा विकास आघाड़ी सरकार के सहयोगी दल डीजल-पेट्रोल के बढ़ते भाव के विरोध में आंदोलन कर रहे थे। केंद्र सरकार ने डीजल -पेट्रोल पर इक्साइज कर लगाकर एक लाख 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक कमाई की है और इसका ठीकरा राज्यों पर थोप रही है।
भाजपा के ही नेता इसकी खिलाफत कर चुके हैं। सभी जानते हैं कि डीजल- पेट्रोल की कीमत बढ़ाना- घटाना केंद्रीय सरकार के हाथ में है। संजय राऊत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
परमबीर सिंह के खुद के पास सबूत नहीं होने की बात कहने के बावजूद, केंद्रीय जांच एजेंसी ने किसी के दबाव में आकर गैरकानूनी तरीके से पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को जेल में डाल दिया है।
अनिल देशमुख चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं और देश दुनिया में कभी भी इस तरह का गैरकानूनी काम अब तक नहीं हुआ है।
भाजपा नेता जानबूझ कर महा विकास आघाड़ी के नेताओं को बदनाम कर रहे हैं और केंद्रीय जांच संस्थाएं गैरकानूनी काम कर रही हैं। जनता यह सब देख रही है और समय आने पर इसका जवाब देगी।