रांची: प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को राज्य मुख्यालय पर पार्टी की ओर से किसान अधिकार दिवस को सफल बनाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार षड़यंत्रकारी तरीके से न्याय मांग रहे देश के अन्नदाता किसानों को थकाने और झुकाने की साजिश कर रही है।
काले कानून खत्म करने की बजाय, 40 दिनों से मीटिंग-मीटिंग खेल रही है और किसानों को तारीख पर तारीख दे रही है।
73 साल के देश के इतिहास में ऐसी निर्दयी और निष्ठुर सरकार कभी नहीं बनी।
इस सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी और अंग्रेजों के जुल्मों को भी पीछे छोड़ दिया है। इसलिए पार्टी ने किसानों के समर्थन में आवाज को बुलंद करने का निर्णय लिया है।
प्रवक्ताओं ने कहा कि यह लड़ाई किसानों की आजीविका और सरकार की अवसरवादिता की है।
ये लड़ाई किसानों की खुद्दारी और सरकार की खुदगर्जी के बीच है।
यह लड़ाई किसानों की बेबसी और सरकार की बर्बरता की है। किसान देश की उम्मीदों का दीप है और सरकार पूंजीपतियों के हित के लिए देश का सब कुछ तबाह कर देने वाला तूफान बन गयी है।
मोदी सरकार मुट्ठी भर पूंजीपतियों के हित साधने के लिए, मुट्ठी भर पूंजीपतियों की ड्योढ़ी पर बिकी हुई है।
यही कारण है हाड़ कंपकंपाती सर्दी-बारीश-ओलों के बीच 60 से अधिक अन्नदाताओं ने दम तोड़ दिया, लेकिन देश का दुर्भाग्य है कि नरेंद्र मोदी का मुंह आज तक देश पर कुर्बान होने वाले उन 60 किसानों के लिए सांत्वना का एक शब्द भी नहीं निकला।
प्रवक्ताओं ने कहा कि इन किसानों की मौत के लिए सीधे तौर पर केंद्र सरकार ज़िम्मेदार है।
भारतीय संविधान में कानून बनाने की जिम्मेवारी कोर्ट को नहीं दी, संसद को दी है।
यदि सरकार अपनी जिम्मेदारी संभालने में असक्षम है, तो मोदी सरकार को एक मिनट भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। अब समय आ गया है कि मोदी सरकार देश के अन्नदाता की चेतावनी को समझे।
क्योंकि अब देश का किसान काले कानून खत्म करवाने के लिए करो या मरो की राह पर चल पड़ा है।
प्रवक्ताओं ने कहा कि 15 जनवरी को रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में राज्य भर के कांग्रेसी कार्यकर्ता किसान अधिकार दिवस में रांची में जुटेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे