नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोरोना वायरस का टीका लगाने के बाद देश में टीकाकरण की रफ्तार में 4 गुना का इजाफा हुआ है। देश में प्रति 100 लोगों पर कोरोना टीके की खुराक की संख्या 0.41 से 1.56 पर पहुंच गई है।
ब्लूमबर्ग और जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की ओर से इकट्ठा किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत में अब तक लगभग 21 (2 करोड़ से अधिक) मिलियन खुराक दिए जा चुके हैं।
आंकड़ों के अनुसार देश में प्रति 100 लोगों पर कोरोना टीके की खुराक की संख्या 0.41 से 1.56 पर पहुंच गई है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबित एक दिन में 15 लाख से अधिक लोगों को टीके की खुराक दी गई।
बता दें कि देशभर में टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च से हुई है। दूसरे चरण का पहला टीका पीएम मोदी ने लगवाया था।
पीएम मोदी के टीका लेने के बाद कहीं न कहीं लोगों में विश्वास बढ़ा है और लोग अब टीका लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं।
कहीं-कहीं के टीकाकरण सेंटरों और अस्पताल में लाइन लगी हुई भी नजर आई थी। दूसरे चरण के टीकाकरण में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है।
साथ में 45 साल से अधिक उम्र के वो लोग भी टीका लगवा सकते हैं जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़िता हैं। किस-किस बीमारी के लोग इसमें शामिल होंगे सरकार इसके लिए पहले ही गाइडलाइन्स जारी कर चुकी है।
टीकाकरण की शुरुआत होने के बाद देश की कई कंपनियों ने कहा कि वो अपने कर्मचारियों को फ्री में कोरोना की वैक्सीन लगवाएगी।
विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर भारत को कोरोना पर तेजी से काबू पाना है तो वैक्सीनेशन को और विस्तार देने की जरूरत है।
विशेषज्ञों ने कहा कि युवाओं के लिए टीकाकरण की व्यवस्था की जानी चाहिए जिसके लिए अस्पतालों को टीका खरीदने की अनुमति भी मिलनी चाहिए।
बता दें कि फिलहाल सभी प्राइवेट अस्पतालों को टीका खरीदने की अनुमति नहीं मिली है। भारत सरकार की ओर से पिछले महीने कोरोना वायरस के दो टीकों को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
इसके एक ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड वैक्सीन शामिल है जिसका प्रोडक्शन भारत में पुणे स्थित सीरम इस्टीट्यूट द्वारा किया जा रहा है। जबकि दूसरा कोवैक्सीन है।
कोवैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी टीका है और इसे भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की ओर से विकसीत किया गया है।