न्यूज़ अरोमा रांची: कोरोना पॉजिटिव पूर्व मंत्री ओपी लाला का रविवार को रांची के रिम्स में निधन हो गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एकीकृत बिहार में मंत्री रह चुके ओपी लाला के निधन पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू समेत अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि करीब पांच दशक तक सक्रिय राजनीति में रह कर समाज सेवा करने वाले ओपी लाला के निधन से पार्टी को अपूरणीय क्षति हुई है।
उन्होने कहा कि कोयलांचल क्षेत्र में पार्टी संगठन को मजबूती प्रदान करने और इंटक के माध्यम से कोयला श्रमिकों को कांग्रेस से जोड़ने में उनकी सराहनीय भूमिका रही।
कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि ओपी लाला की छवि एक ऐसे श्रमिक नेता की थी, जो हर वक्त गरीब मजदूरों के हक के लिए आवाज बुलंद करने में लगा रहता था, उनके निधन से श्रमिकों ने एक अपने एक मसीहा को खो दिया है।
कृषि मंत्री बन्ना गुप्ता ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि बाघमारा के पूर्व विधायक ओपी लाला के निधन की खबर से वे मर्माहत है।
इस दुःख की घड़ी में उनकी संवेदना, पूर्व विधायक के परिजनों और चाहने वाले लोगों के साथ है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अभिभावक स्वरूप पूर्व विधायक ओपी लाला का निधन हो गया, उनका रिम्स में इलाज चल रहा था।
उन्होंने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ओपी लाला का लगातार उन्हें सानिध्य मिलता रहा था, ईश्वर उन्हें श्रीचरणों में स्थान दें और परिजनों को दुःख सहने की साहस दें।
पार्टी के प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि ओपी लाला के निधन से राज्य ने एक महान नेतृत्व कर्ता खो दिया है।
पिछले 5 दशकों से राजनीतिक और सामाजिक जीवन में कभी भी उन्होंने विश्राम नहीं लिया और बीमार होने के पहले तक भी वह अपनी सक्रियता बनाकर रखें और पिछले दिनों रांची में आयोजित रैली में भी उन्होंने शिरकत किया था।
उन्होंने बताया कि 1985, 90 और 95 में बाघमारा विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रहे ओपी लाल तत्कालीन मुख्यमंत्री बिन्देश्वरी दूबे के कार्यकाल में बिहार सरकार में खान एवं भूतत्व राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार भी रहे।
उस दौरान उन्होंने खनन क्षेत्र में लगी कंपनियों को मजदूरों के हित में कदम उठाने के लिए प्रेरित किया, इसका परिणाम है कि आज भी पूरे क्षेत्र के लोग उनका काफी सम्मान करते हैं।
उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक ओपी लाला की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद करीब 15 दिन पहले उन्हें धनबाद से लाकर रांची के मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तीन दिन पहले उनकी स्थिति बिगड़ने और सांस लेने में कठिनाई होने के बाद रिम्स में भर्ती कराया गया,जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली।
पूर्व विधायक ओपी लाला ने अपने पीछे चार पुत्र, दो पुत्री और पत्नी समेत भरा-पूरा परिवार छोड़ गये है।
परिवार के सदस्यों की ओर से यह भी जानकारी दी गयी है कि उनकी कोरोना रिपोर्ट कुछ दिन पहले निगेटिव आ चुकी थी, इसके बावजूद सांस लेने में कठिनाई के कारण रिम्स में इलाजरज थे।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने बताया कि धनबाद-कोयलांचल क्षेत्र में 80 की दशक में ओपी लाला की पहचान मजदूरों के लिए संघर्षरत एक जुझारू नेता की छवि बनी और अंत तक वे मजदूरों के हितों की लड़ाई लड़ाई लड़ते रहे।