नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस के नए मामले एक बार फिर से चरम पर पहुंच रहे हैं। भारत में कोरोना वायरस के 59 हजार से ज्यादा नए मामले आए हैं जो कि 17 अक्टूबर या फिर 159 दिनों बाद सबसे ज्यादा है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर लगातार फैलती जा रही।
बीते साल मई के बाद पहली बार इतनी तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि टीकाकरण शुरू होने के बावजूद वायरस की दूसरी लहर पहली से भी ज्यादा विकराल रूप ले सकती है।
देश के दो राज्य महाराष्ट्र और गुजरात पहली लहर के चरम के आंकड़े को भी पार कर चुके हैं।
वहीं, पंजाब पिछली लहर के पीक के आंकड़ों को पार करने के करीब पहुंच चुका है।
25 मार्च तक के आंकड़ों को देखें तो एक हफ्ते में भारत में हर दिन औसतन 47 हजार 442 नए मामले आ रहे थे।
28 अक्टूबर के बाद पहली बार सात दिन का औसत इतना ज्यादा पहुंचा।
हालांकि, कोरोना के फैलने की दर हम देखें तो आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं। सिर्फ सात दिन पहले ही देश में कोरोना मामलों का सात दिन का औसत 28 हजार 551 था।
इसका यह मतलब है कि सिर्फ एक हफ्ते में संक्रमण के नए मामले 66 प्रतिशत बढ़ गए हैं। यह 10 मई के बाद कोरोना वायरस के हर हफ्ते बढ़ते मामलों की दर में सबसे बड़ी उछाल है।
अगर बीते साल मई से अब की स्थिति की तुलना करें तो मई में हर दिन कोरोना के 3 हजार 500 नए मामले सामने आ रहे थे लेकिन आज यह आंकड़ा बढ़कर 47 हजार पार हो गया है।
इसका अर्थ है कि कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण कई गुणा तेजी से फैलता जा रहा है।
आंकड़े बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल के महीने में अपने चरम पर होगी।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसके मुताबिक, देश में दूसरी लहर अप्रैल महीने के आखिर में अपने चरम पर होगी और यह लहर 100 दिन लंबा चलेगी, जो कि 15 फरवरी से शुरू हो चुकी है एसबीआई ने पहली लहर के आंकड़ों पर भी अध्ययन किया और पाया कि इस दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और तमिलनाडु ने सबसे खराब प्रदर्शन दिखाया है।
वहीं, कोरोना की दूसरी लहर में भी महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब हर दिन नए रिकॉर्ड बना रहे हैं।