MP Dr. Shafiqur Rahman Burke: देश के सबसे बुजुर्ग सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क ( Dr. Shafiqur Rahman Burke) का मंगलवार सुबह निधन हो गया है। वह लंबे समय से मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती थे।
सांसद के पोते जियाउर्रहमान बर्क ने अनुसार 93 वर्षीय शफीकुर्रहमान बर्क की अचानक तबीयत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें Moradabad के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गय था। उनका राजनैतिक सफर 60 वर्षो से अधिक का था। हाल ही में अखिलेश यादव ने उन्हें अपनी पार्टी से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी घाेषित किया था।
मंगलवार सुबह शफीकुर्रहमान बर्क को आईसीयू में ले जाया गया। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। 94 वर्षीय डॉ बर्क देश के सबसे अधिक उम्र के सांसद थे। वे अस्पताल में 29 जनवरी से ही भर्ती थे। उनके गुर्दे में संक्रमण था और गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भी उपचार चला था। पूर्व में उनकी बाइपास सर्जरी भी हो चुकी थी।
चार बार विधायक और चार बार सांसद रहे डा. शफीकुर्रहमान बर्क 2019 में पांचवीं बार सांसद चुने गए थे। अपने राजनैतिक तेवरों के कारण उनकी एक अलग पहचान थी। वे बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रह चुके थे। मुस्लिमों के मुद्दों को उठाने और वंदेमातरम पर अपने बयानों को लेकर सियासत में चर्चित रहे डा. शफीकुर्रहमान बर्क एक बार फिर सपा की सियासत में बड़ा चेहरा बनकर उभरे। डा. बर्क 1967 में संभल विधानसभा क्षेत्र से पहला विधानसभा चुनाव लड़े और थे।
उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में पहली कामयाबी 1974 में बीकेडी से चुनाव लड़कर मिली थी। इसके बाद सन 1977 में जनता पार्टी, सन 1985 में लोकदल और 1989 में जनता दल से विधायक चुने गए। डा. शफीकुर्रहमान बर्क Mulayam Singh Yadav की सरकार में होमगार्ड विभाग के मंत्री भी रहे। जनता दल के टिकट पर वर्ष 1996 में मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनकर संसद में कदम रखा।
इसके बाद वर्ष 1998 और 2004 में भी मुरादाबाद संसदीय सीट से सपा के टिकट पर सांसद चुने गए। इसकेबाद वर्ष 2009 में संभल लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और चौथी बार सांसद चुने गए। वर्ष 2014 का Lok Sabha Elections सपा से लड़ा था और मामूली अंतर से हार गए थे। वर्ष 2019 में फिर एक बार सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन से चुनाव जीते और पांचवीं बार सांसद चुने गए।