नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 15 अगस्त को लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से ‘वन रैंक वन पेंशन’ (one rank one pension) प्रदान करने की उपलब्धि को देश के समक्ष रखा।
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने पूर्व सैनिकों के कल्याण हेतु वन रैंक वन पेंशन का प्रावधान किया। प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से कहां कि वन रैंक वन पेंशन लागू करने के लिए 70 हजार करोड रुपए खर्च किए गए।
भारतीय सेना में रिफॉर्म का काम
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पूर्व सैनिकों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 70 हजार करोड़ रुपए की राशि पूर्व सैनिकों की भलाई के लिए खर्च किए गए हैं।
स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में लाल किले से बोलते हुए प्रधानमंत्री ने सेना में हुए सुधारों, आंतरिक सुरक्षा, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की भी बात की। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में सेना का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय सेना में रिफॉर्म का काम हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के अंदर सीरियल बम ब्लास्ट बीते जमाने की बात हो गई है। उन्होंने कहा कि आतंकी हमलों में कमी आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कमी आई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जगह-जगह सार्वजनिक स्थानों पर अनाउंसमेंट होती कि किसी अनजान वस्तु मत छूना, जगह-जगह बम ब्लास्ट होते थे, अब ऐसा नहीं है।
वन रैंक वन पेंशन योजना
रक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि सशस्त्र बलों के दिग्गजों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना हमारे सैनिकों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, लगभग 70 हजार करोड़ रुपये के व्यय के साथ लाखों पूर्व सैनिकों और उनके पारिवारिक पेंशनभोगियों के बीच करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि भी वितरित की गई है।
ओआरओपी का उद्देश्य समान रैंक और समान अवधि की सेवा से सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों लिए एक समान पेंशन सुनिश्चित करना है, चाहे वे किसी भी समय सेवानिवृत्त हों।