Court Order Regarding Home Guard Soldiers: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में Home Guard के जवानों को समान काम के बदले समान वेतन देने से संबंधित अजय प्रसाद की अवमानना याचिका पर सुनवाई शनिवार को हुई।
इस दौरान होमगार्ड DG अनिल पालटा (DG Anil Palta) कोर्ट में उपस्थित हुए। उनकी ओर से कोर्ट को आश्वस्त किया गया कि एकल पीठ के आदेश का अनुपालन 30 दिन में कर दिया जाएगा।
इस पर कोर्ट ने उन्हें आदेश का अनुपालन करने के लिए छह सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई चार अप्रैल निर्धारित की है।
होमगार्ड के वरीय अधिकारियों को उपस्थित होने का निर्देश
पिछली सुनवाई के दौरान आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कोर्ट ने Home Guard के वरीय अधिकारियों को उपस्थित होने का निर्देश दिया था। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि एकल पीठ के आदेश के छह माह बीतने के बाद भी आदेश का अनुपालन नहीं हुआ।
जब शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने भी एकल पीठ द्वारा दिए गए आदेश की पुष्टि की है, तो आदेश का अनुपालन करने में सरकार को और कितना समय लगेगा, यह अदालत समझ नहीं पा रही है।
होमगार्ड जवानों के मामले में एकल पीठ के आदेश का पालन नहीं हुआ
कोर्ट ने 25 अगस्त 2017 के एकल पीठ के आदेश का अनुपालन करने के लिए सरकार को आठ सप्ताह का समय दिया था। आदेश का अनुपालन नहीं होने पर Home Guard के वरीय अधिकारियों को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया।
साथ ही उनसे पूछा था कि आदेश का अनुपालन नहीं होने पर क्यों नहीं उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
समान काम के बदले समान वेतन से संबंधित Home Guard जवानों के मामले में एकल पीठ के आदेश का पालन नहीं हुआ है। इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है।
एकल पीठ ने Home Guard जवानों के संबंध में पूर्व में आदेश पारित किया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि Home Guard का पोस्ट सिविल पोस्ट है क्योंकि वह पुलिस कर्मियों की तरह ड्यूटी करते हैं। रेगुलर पुलिस पर्सन की तरह उन्हें भी सेवा में संबंधित लाभ दिया जाए। याचिकाकर्ता 1984 से 1990 के बीच होमगार्ड के रूप में नियुक्त हुआ था।