कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने 2017 में एक अभिनेत्री के उत्पीड़न के मामले की आगे की जांच का विरोध करने वाली अभिनेता दिलीप की यचिका पर अपना फैसला बृहस्पतिवार को सुरक्षित रख लिया।
अदालत ने बुधवार को छोड़कर इस सप्ताह के शेष दिन अभिनेता, पीड़िता और अभियोजन की दलीलें सुनीं और उसके बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
अभिनेता की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील बी रमन पिल्लई और वकीलों फिलिप टी वर्गीज और थॉमस टी वर्गीज ने दलील दी कि आगे जांच कराने की बात ‘‘ढकोसला’’ है और मामले की सुनवाई को और टालने की कोशिश है।
दिलीप ने दावा गया कि मामले में आगे जांच स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि अंतिम रिपोर्ट नवंबर 2017 में दाखिल की गई थी, जनवरी 2020 में आरोप तय किए गए थे और अभियोजन पक्ष के केवल एक गवाह से पूछताछ की जानी बाकी है।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि जांच अधिकारी और अभिनेत्री के उत्पीड़न के मामले में दिलीप के खिलाफ मीडिया के जरिए हाल में चौंकाने वाले खुलासे करने वाले निर्देशक बालाचंद्र कुमार के बीच यह पूरी बात पहले से ही तय थी।
कुमार ने आरोप लगाया है कि इस बात को साबित करने के लिए डिजिटल सबूतों समेत कुछ सबूत हैं कि अभिनेता ने गवाहों को प्रभावित किया।
अभिनेता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि आगे की जांच के लिए निचली अदालत की पूर्व अनुमति की आवश्यकता है।
अभियोजन महानिदेशक (डीजीपी) टीए शाजी और अतिरिक्त लोक अभियोजक पी नारायणन के प्रतिनिधित्व में पुलिस ने इस याचिका का विरोध करते हुए अदालत से कहा कि 2017 में अभिनेत्री के उत्पीड़न संबंधी मामले में आगे की जांच करने में केवल इस कारण से कोई कानूनी रोक या बाधा पैदा नहीं की जा सकती कि जांच अपने अंतिम छोर पर है। पुलिस ने कहा कि जांच के लिए किसी पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
अभियोजन ने कहा कि यदि कोई नया सबूत या सामग्री सामने आती है, तो फैसला सुनाने से पहले किसी भी समय आगे जांच की जा सकती है।
डीजीपी ने दलील दी कि जांच अधिकारी और कुमार ने पहले से कोई योजना नहीं बनाई थी और कुमार के खुलासा करने से पहले तक दोनों के बीच कोई संबंध नहीं था।
पीड़िता ने भी आगे जांच करने के अभियोजन के फैसले का समर्थन किया और कहा कि वह इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई चाहती है और सच सबके सामने आना चाहिए।
पीड़िता ने तमिल, तेलुगू और मलयालम फिल्मों में काम किया है। आरोप है कि अभिनेत्री को 17 फरवरी, 2017 की रात को उसी की कार में अगवा कर लिया गया था, उसका यौन उत्पीड़न किया गया था तथा पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया गया गया था ताकि अभिनेत्री को ब्लैकमेल किया जा सके।
इस मामले में 10 आरोपी हैं और पुलिस ने सात को गिरफ्तार किया था। दिलीप को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था।