नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (APP) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को कथित शराब नीति घोटाले (Liquor Policy Scandal) में 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) कर रही है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस स्तर पर वे और CBI रिमांड नहीं मांग रहे हैं लेकिन अगले 15 दिनों में वे इसकी मांग कर सकते हैं।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश MK Nagpal ने यह आदेश दिया, आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए एक आवेदन दायर किया गया है।
CBI के वकील ने कहा…
यह प्रस्तुत किया गया है कि पुलिस हिरासत की अब जरूरत नहीं है और यदि आवश्यक हो तो बाद में इसकी मांग की जा सकती है। अदालात ने कहा कि दिए गए सबमिशन के मद्देनजर आरोपी को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेजा जाता है।
सिसोदिया ने जेल के अंदर चश्मा, भगवद गीता, एक डायरी और एक कलम की मांग को लेकर एक आवेदन दिया था, जिसे सोमवार को अदालत ने भी मंजूर कर लिया। केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि आप नेता मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं और गवाह भयभीत हैं।
अदालत ने 4 मार्च को सिसोदिया की CBI हिरासत दो दिनों के लिए बढ़ा दी थी और उनकी जमानत याचिका को 10 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया था। इस मामले में पिछले दो दिनों में CBI ने प्रमुख गवाहों पूर्व आबकारी आयुक्त अरवा गोपी कृष्ण और पूर्व आबकारी विभाग (Arva Gopi Krishna and former Excise Department) के सचिव सी अरविंद से पूछताछ की, जिन्होंने एक मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज कराए।
CBI के वकील ने कहा, हम अभी हिरासत की मांग नहीं कर रहे हैं। लेकिन हम भविष्य में ऐसा कर सकते हैं। उनके समर्थक और मीडिया मामले का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
सिसोदिया को आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार किया
आगे कहा कि गवाह डरे हुए हैं। मीडिया राजनीतिक रंग (Political Color) दे रहा है। वहीं सिसोदिया का प्रतिनिधित्व करते हुए, वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने CBI के तर्क पर नाराजगी दिखाई।
उन्होंने प्रश्न किया, मैं इस तरह के बयान से स्तब्ध हूं। क्या वे मीडिया से डरते हैं? हालांकि, अदालत ने कहा कि मीडिया (Media) को मामले को कवर करने से नहीं रोका जा सकता है और जब तक धरना वगैरह शांतिपूर्ण तरीके से होते रहेंगे, कोर्ट को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
आप नेता ने अदालत को संबोधित करते हुए पहले कहा था कि CBI बार-बार एक ही सवाल पूछ रही है और यह मानसिक प्रताड़ना (Mental Abuse) है। रिपर्ट के अनुसार, एजेंसी ने सिसोदिया को आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।