Umesh Munda : सत्र न्यायालय ने आर्म्स एक्ट से जुड़े एक मामले में अभियुक्त उमेश मुंडा (Umesh Munda) को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में गोली चलाने का आरोप लगाया गया था, लेकिन अदालत में इसे साबित करने के लिए ठोस गवाह या सबूत पेश नहीं किए जा सके।
मामले की पृष्ठभूमि
मार्च 2022 में ओरमांझी थाना (Ormanjhi Police Station) क्षेत्र के जीदू गांव में दो गुटों के बीच विवाद हुआ था। पुलिस को मिली सूचना के अनुसार, झगड़े के दौरान उमेश मुंडा ने पहले डंडे से हमला किया और बाद में हथियार लेकर फायरिंग की।
घटना स्थल से खाली कारतूस जब्त किए जाने का दावा किया गया था। इस मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह (Rajeev Kumar Singh) की शिकायत पर FIR दर्ज की गई थी।
जांच और सुनवाई के दौरान आया मोड़
घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर उमेश मुंडा के खिलाफ आर्म्स एक्ट (Arms Act) के तहत मामला दर्ज किया। जांच पूरी होने के बाद अप्रैल 2022 में आरोप पत्र दाखिल किया गया। हालांकि, कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष अपने दावे को साबित नहीं कर सका।
गवाहों ने गोली चलने की पुष्टि नहीं की, जिससे पुलिस की रिपोर्ट कमजोर पड़ गई। केवल एक गवाह ने मामूली विवाद की बात कही, लेकिन गोली चलने और जब्त कारतूस को लेकर कोई पुष्ट प्रमाण नहीं मिला। सबूतों की कमी के चलते अदालत ने उमेश मुंडा को दोषमुक्त कर दिया।