नई दिल्ली: केंद्र सरकार के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के एक विशेषज्ञों की एक समिति ने भारत बायोटेक की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन को ‘क्लीनिकल ट्रायल मोड’ के अंतर्गत लगाये जाने की शर्त हटाते हुए इसके इमर्जेंसी उपयोग की अनुमति देने की अनुशंसा की है।
आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
विशेषज्ञों की यह सिफारिश भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के पास विचार करने के लिए भेजी गई है।
यदि टीके को ‘क्लीनिकल ट्रायल’ इस्तेमाल के दायरे से बाहर कर दिया जाता है तो लाभार्थियों को इसकी खुराक लेने के लिए राजीनामे पर हस्ताक्षर नहीं करना होगा।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ)की विषय विशेषज्ञ समिति ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों पर गौर किया, जिसमें टीके की प्रभाव क्षमता 80.6 प्रतिशत प्रदर्शित हुई है।
इसके बाद, यह सिफारिश की गई।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने क्लीनिकल ट्रायल मोड की शर्त हटाने पर विचार करने के लिए हाल ही में औषधि नियंत्रक का रुख किया था।
सूत्रों ने बताया कि समिति ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के अंतरिम आंकड़ों की बुधवार को समीक्षा की, जिसके बाद उसने यह सिफारिश की।
गौरतलब है कि औषधि नियामक ने जनहित में कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल मोड में इमर्जेंसी उपयोग की मंजूरी दी थी।