लंदन: कोरोना महामारी ने सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में भारी तबाही मचाई है। हर दिन लाखों लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं और हजारों लोगों की मौत हो रही है।
हालांकि विशेषज्ञ कहते हैं कि इसके खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान ने संक्रमण को कम करने में अहम भूमिका निभाई है।
उनका मानना है कि अगर सभी लोग कोरोना की वैक्सीन लगवा लें तो इस महामारी को खत्म किया जा सकता है।
फिलहाल दुनियाभर में जितनी भी वैक्सीन हैं, सभी दो डोज वाली हैं, यानी कोरोना से बचाव के लिए दोनों डोज लेनी पड़ती है।
हालांकि अब पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि वैक्सीन की एक खुराक भी कोरोना के गंभीर संक्रमण से बचा सकती है।
इस नए शोध से पता चलता है कि जो लोग फाइजर-बायोएनटेक या एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की एक खुराक लेने के तीन हफ्ते बाद संक्रमित हुए थे, उनके जरिये घर के अन्य सदस्यों में संक्रमण फैलने की संभावना वैसे लोगों की तुलना में 38 से 49 फीसदी कम थी, जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं ली है।
हालांकि यह देखने में आ रहा है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं।
इसको लेकर अध्ययन में कहा गया है कि भले ही लोग टीका लेने के बाद भी संक्रमित हो रहे हैं, लेकिन उनमें बीमारी उतनी गंभीर नहीं होगी कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आ जाए।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, यह अध्ययन करीब 24 हजार घरों में रहने वाले 57 हजार से अधिक लोगों पर किया गया।
इस अध्ययन के लिए पहले तो यह ध्यान में रखा गया कि उस परिवार का कोई न कोई सदस्य टीका ले चुका है।
फिर इन लोगों की तुलना 10 लाख ऐसे लोगों से की गई, जिन्होंने टीका नहीं लिया है।
अध्ययन के मुताबिक, टीकाकरण लोगों को संक्रमण से काफी हद तक बचाएगा।
कोरोना वैक्सीन लगवाने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि दूसरों में संक्रमण फैलने की संभावना बेहद कम हो जाती है।
अध्ययन के ये नतीजे काफी उत्साहजनक हैं। ब्रिटेन के स्वास्थ्य सचिव मैट हैनकॉक ने कहा, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि वे योग्य होते ही अपने टीके लगवाएं और सुनिश्चित करें कि आप सबसे मजबूत सुरक्षा के लिए अपनी दूसरी खुराक भी लें।
यह एक बहुत बड़ा राष्ट्रीय प्रयास है और हम वायरस को एक साथ हराएंगे।