मुंबई: कोरोना के रिकॉर्डतोड़ मामलों से देश के सकल घरेलू उत्पाद पर बुरा असर होने वाला है। देश को कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
यह नुकसान आज के आधार पर है। अगर लॉकडाउन और बढ़ता है और कोरोना का असर कम नहीं होता है तो यह नुकसान इससे बहुत ज्यादा होगा। चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें सबसे ज्यादा नुकसान बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र को होगा।
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जीडीपी की विकास दर 11 फीसदी से घट कर 10.4 फीसदी पर आ सकती है।
इसमें सबसे ज्यादा योगदान महाराष्ट्र का होगा, क्योंकि कोरोना के सबसे ज्यादा मामले यहां पर हैं और यही राज्य जीडीपी में सबसे ज्यादा योगदान करता है।
इस राज्य की कुल जीडीपी 29.80 लाख करोड़ रुपए की है और इसे 81 हजार 672 करोड़ का नुकसान हो सकता है।
दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है। इसकी जीडीपी 11.30 लाख करोड़ रुपए की है और इसे 21 हजार 712 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
80 फीसदी नुकसान तीन राज्यों को
देश में कुल 1.5 लाख करोड़ रुपए के नुकसान में से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान का हिस्सा 80 फीसदी होगा। इसमें अकेले महाराष्ट्र का हिस्सा 54 फीसदी होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, टॉप नुकसान वाले राज्यों में राजस्थान तीसरे नंबर पर है। इसकी जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपए की है और इसे 17 हजार 232 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
छत्तीसगढ़ की जीडीपी 3.80 लाख करोड़ रुपए की है और इसे 7,347 जबकि बिहार की जीडीपी 7.60 लाख करोड़ की है और इसे 6,222 करोड़ रुपए का नुकसान होगा।
दिल्ली को 5,178 करोड़ रुपए का नुकसान
दिल्ली को 5,178 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इसकी जीडीपी 9 लाख करोड़ रुपए की है। राज्यों को यह नुकसान इसलिए होगा क्योंकि यहां पर रात में कफ्र्यू, लॉकडाउन और अन्य कदम कोरोना को रोकने के लिए उठाए गए हैं जिससे आर्थिक स्थितियां प्रभावित होंगी।
जीडीपी पर अनुमान एसबीआई का अनुमान 11.00 फीसदी था जो अब 10.4 फीसदी का है। रिजर्व बैंक का अनुमान 10.5 फीसदी है। केंद्रीय बजट में 14.4 फीसदी का अनुमान जताया गया था।
महाराष्ट्र का योगदान जीडीपी में 13.9 फीसदी
देश की जीडीपी में सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र का योगदान 13.9 फीसदी है।
देश में कुल वाहनों की बिक्री में महाराष्ट्र का हिस्सा 10 फीसदी है जबकि स्मार्टफोन की बिक्री में भी इसका हिस्सा 10 फीसदी है। बैंकों की डिपॉजिट में 19.7 फीसदी और उधारी में 26.1 फीसदी हिस्सा है।
देश में काम करने वाले लोगों में 10.3 फीसदी हिस्सा महाराष्ट्र का है। रिपोर्ट कहती है कि अगर महाराष्ट्र में लॉकडाउन आगे और बढ़ता है तो यह नुकसान और ज्यादा होगा। क्योंकि यहां से जो मजदूर हैं वे अपने गांव चले गए हैं।
अप्रैल में बैंकों में बढ़ेगी जमा रकम
रिपोर्ट कहती है कि जिस तरह के हालात हैं, ऐसे में अप्रैल महीने में बैंकों में जमा रकम बढ़ सकती है। क्योंकि लोगों को खर्च करने का विकल्प कम हो जाएगा। यह रुझान हमने पिछले साल भी अप्रैल में देखा था।
पिछले साल अप्रैल में बैंकों में डिपॉजिट 1471 अरब रुपए बढ़ी थी जो कि इस साल अप्रैल में 21 तारीख तक 1743 अरब रुपए बढ़ी थी।
उधारी की बात करें तो पिछले साल अप्रैल में उधारी में 330 अरब रुपए की कमी आई थी जबकि इस साल 755 अरब रुपए की कमी आई है।