रांची: विद्या की देवी मां सरस्वती की सम्यक आराधना का पर्व बसंत पंचमी 16 फरवरी को देशभर में मनाया जा रहा है।
कोरोना वायरस संक्रमण से उबरते देश में इस बार मां सरस्वती की पूजा को लेकर हर तरफ उत्साह-उत्सव का माहौल है।
झारखंड की राजधानी रांची में बसंत पंचमी त्योहार को लेकर छात्र-छात्राएं और नौजवान पूरे जोश में हैं।
इस बार बढ़-चढ़कर मां सरस्वती के पूजा की तैयारी चल रही है। ऐसे में एक मूर्तिकार की कल्पना के चर्चे दूर-दूर तक हैं।
रांची में इस बार देवी सरस्वती की कोविड वैक्सीन थीम वाली मूर्तियां तैयार की जा रही हैं। यहां वीणा के बदले बुद्धि की देवी मां सरस्वती कोरोना वैक्सीन लेकर अवतरित हुई हैं।
मूर्ति निर्माता कहते हैं कि कोरोनो वायरस वैक्सीन का विकास निश्चित ही ज्ञान का विषय है। इसलिए देवी सरस्वती इस संदर्भ में प्रासंगिक हैं।
इधर, विद्या की देवी सरस्वती पूजा को लेकर शिल्पकारों द्वारा प्रतिमाओं को अंतिम रुप दिया जा रहा है।
इस बार शिल्पकारों ने कोरोना को लेकर पूर्व की दुर्गा पूजा, काली पूजा की तरह इस बार सरस्वती प्रतिमा को छोटे आकार की प्रतिमाओं का निर्माण ज्यादा किया है।
शिल्पकारों ने बताया कि इस बार छोटे आकार की प्रतिमाओ की मांग भी ज्यादा है। प्रतिमा निर्माण करनें वाले सामानों के दामो में भी इजाफा होने की वजह से प्रतिमाओं की कीमतों मे लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है।
इसकी वजह से मेहनताना भी निकाल पाना काफी कठिन हो गया है। और ग्राहक भी बढ़े हुए दाम के हिसाब से प्रतिमाओं के दाम देने मे आना कानी करते हैं।
सरस्वती पूजा को लेकर बनने लगे पंडाल विद्या की देवी सरस्वती की पूजा मंगलवार को होगी। इसे लेकर शहर मे कई स्थानों बड़े पंडालो का निर्माण किया जा रहा है।
इसके अलावा विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में इस बार सादगी से पूजा कर पूजा की रस्म की जाएगी। कोरोना की वजह से सरकार ले अब तक शिक्षण संस्थाओं के लिए कोई गाइड लाइन जारी नहीं की है।
इसके अलावा कई स्कूलों में भी पूजा की तैयारियां की जा रही है। गली, मोहल्लो में पूजा को लेकर चहल-पहल भी बढ़ गई है।