चेन्नई : तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनावों में दो कम्युनिस्ट पार्टियों – माकपा और भाकपा, द्रमुक गठबंधन के हिस्से के रूप में 6-6 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
गौरतलब है कि द्रमुक चार से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं था। इसी कारण से माकपा ने चुप्पी साध ली थी। लेकिन यह गठबंधन साकार हो सका क्योंकि द्रमुक सुप्रीमो एम.के. स्टालिन ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के साथ विस्तृत चर्चा की थी।
माकपा के राज्य सचिव के. बालाकृष्णन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि माकपा ने द्रमुक गठबंधन में 6 सीटों के लिए समझौता किया है क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि धर्मनिरपेक्ष वोट विधानसभा चुनावों में विभाजित हो जाएं और अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन को फायदा हो।
माकपा अधिक सीटों की हकदार है, लेकिन हम अपने लक्ष्य में स्पष्ट हैं और इसलिए 6 सीटों के लिए ही समझौता किया है।
इससे पहले भाकपा ने विधानसभा चुनावों में 6 सीटों के लिए समझौता किया था, जबकि माकपा नेता गठबंधन के सहयोगियों की बैठक से यह कहते हुए बाहर चले गए थे कि यह 6 सीटों से कम पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।
आईएएनएस से बात करते हुए नाम न छापने की शर्त पर द्रमुक के एक शीर्ष नेता ने कहा कि माकपा के पास कुछ पॉकेट्स हैं, लेकिन उनके पास वोट की ताकत नहीं है और हम यह जानते हैं।
हालांकि, गठबंधन के हित के लिए हमने माकपा के लिए 6 सीटों पर समझौता किया है।