चेन्नई : पूर्व सांसद और सीपीआई के दिग्गज नेता डी. पांडियन का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को चेन्नई में निधन हो गया। वो 88 साल के थे।
किडनी की गंभीर समस्याओं से पीड़ित, पांडियन को बुधवार को स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद राजीव गांधी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि गुरुवार रात को पांडियन की हालत गंभीर हो गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन शुक्रवार सुबह उनका निधन हो गया।
ट्रेड यूनियन के नेता रहे पांडियन ने पार्टी की तमिलनाडु इकाई का तीन बार नेतृत्व किया और 1989 और 1991 के चुनावों में लोकसभा के लिए चुने गए।
पांडियन ने करिकुडी के अलगप्पा कॉलेज में एक अंग्रेजी व्याख्याता के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में सीपीआई के सदस्य बन गए।
बाद में पांडियन यूनाइटेड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल हो गए और उत्तरी चेन्नई सीट से लोकसभा के लिए चुने गए।
इसके बाद, वो 2000 में सीपीआई में फिर से शामिल हो गए और 2015 तक तीन बार पार्टी के राज्य सचिव रहे।
पांडियन 1991 में एक बम विस्फोट में घायल हो गए थे, जब लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) की एक महिला मानव बम ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कई अन्य लोगों को श्रीपेरंबुदूर में हत्या की थी।
पांडियन उसी दिन श्रीपेरंबुदूर में होने वाली राजीव गांधी के भाषण का अनुवाद करने वाले थे।
तेलंगाना के गवर्नर तमिलिसाई सौंदरराजन, डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन, सीपीआई तमिलनाडु सचिव आर. मुथरासन, के. बालाकृष्णन, तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष के.एस. अलागिरी, पीएमके संस्थापक एस, रामदास, भाजपा तमिलनाडु प्रमुख एल. मुरुगन, अन्नाद्रमुक के उप समन्वयक के.पी. मुनुस्मी, एमडीएमके महासचिव वाइको और अन्य नेताओं ने पांडियन के निधन पर शोक जताया है।