MNREGA scam case: खूंटी मनरेगा घोटाला मामले में निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) सुमन कुमार सिंह ने बुधवार को PMLA की विशेष कोर्ट में हाजिरी लगाई। कोर्ट ने जमानत देते समय शर्त रखी थी कि तीनों को तय तारीख पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा, जिसे उन्होंने पूरा किया।
क्या है मामला
पूजा सिंघल को इस मामले में 28 महीने जेल में रहने के बाद दिसंबर 2024 में जमानत मिली थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मई 2022 में इस मामले में बड़ी कार्रवाई की थी। ED ने पूजा सिंघल, अभिषेक झा और सुमन कुमार सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें सुमन कुमार के घर और दफ्तर से 19.31 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे।
इस घोटाले में कुल 18.07 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है, जो पूजा सिंघल के खूंटी जिले में उपायुक्त रहते हुए (2009-2010) हुई थी। इससे पहले एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में 16 FIR दर्ज की थीं। बाद में 2022 में ED ने जांच अपने हाथ में ली। इस मामले में पूजा सिंघल समेत 7 लोग आरोपी हैं, जिनमें जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा, असिस्टेंट इंजीनियर राजेंद्र जैन, कार्यकारी इंजीनियर जय किशोर चौधरी और शशि प्रकाश भी शामिल हैं।
PMLA कोर्ट ने तीनों आरोपियों को जमानत की शर्तों का पालन करते हुए कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। पूजा सिंघल ने मार्च 2025 में जब्त दस्तावेजों का निरीक्षण भी किया था। ED ने आरोप लगाया है कि पूजा सिंघल ने अपने पद का दुरुपयोग कर मनरेगा फंड से कमीशन लिया और इसे अपने पति के अस्पताल, पल्स सुपर स्पेशियलिटी, सहित अन्य संपत्तियों में निवेश किया।
सुमन कुमार पर पूजा सिंघल के लिए अवैध धन इकट्ठा करने और निवेश करने का आरोप है।
पुलिस और ED इस मामले में आगे की जांच कर रहे हैं, और कोर्ट ने आरोपियों को अगली सुनवाई में भी उपस्थित होने का निर्देश दिया है।