नई दिल्ली: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने शुक्रवार को परेड ग्राउंड अकादमी कादरपुर गुरुग्राम में अपनी 82वीं वर्षगांठ मनाई। समारोह के मुख्य अतिथि गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय रहे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने परेड की सलामी ली और कहा कि इस बल की समृद्ध विरासत एवं 82 वर्षों की अतुलनीय शौर्य की गाथा है।
वर्षगांठ समारोह में परेड के अलावा सीआरपीएफ स्पोर्ट्स टीम, मल्लखंब टीम, और सीआरपीएफ के प्रसिद्ध महिला डेयरडेविल्स द्वारा मोटरबाइक स्टंट का भी प्रदर्शन किया गया।
उद्घाटन समारोह में सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने बताया कि इस बल का गठन स्वतंत्रता से पूर्व 1939 में काउन रिप्रेजेन्टेटिव पुलिस यानी सीआरपी के रूप में हुआ था।
असल में यह 1949 में सीआरपीएफ के रूप में परिवर्तित हुआ।
आज इस बल में 247 बटालियनें हैं और करीब तीन लाख 25 हजार की संख्या बल के साथ सीआरपीएफ विश्व का विशालतम एवं आन्तरिक सुरक्षा हेतु अग्रणी सशस्त्र पुलिस बल है।
जहां होती है समस्या वहां आती है सीआरपीएफ
देश में जहां कहीं भी कानून और व्यवस्था की समस्या होती है, चुनाव या अन्य किसी भी प्रकार की डयूटी में जब भी सुरक्षा बलों की आवश्यकता होती है, तो राज्य सबसे पहले सीआरपीएफ की ही मांग करते हैं।
केन्द्र सरकार ने भी चुनाव के लिए सीआरपीएफ को ही नोडल एजेंसी नियुक्त किया है ।
जम्मू-कश्मीर में सैकड़ों आतंकवादियों को मार गिराने और फिदायीन हमलों को नाकाम करने में इस बल ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।
वीरता की अद्भुत मिसाल
सीआरपीएफ ने ड्यूटी के प्रति अपने समर्पण, सच्ची निष्ठा से भारत सरकार, राज्य सरकारों तथा देश की जनता का विश्वास व प्यार जीता है।
गुजरात का रण ऑफ कच्छ हो या फिर लद्दाख का हॉट स्प्रिंग, सीआरपीएफ के जवानों की वीरता की अद्भुत मिसालें हैं।
सीआरपीएफ एक ऐसा बल है जिसके पास अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करने के लिए अपनी स्पेशलाइज्ड विंग हैं।
सांप्रदायिक व जातीय हिंसा रोकने, बाढ़ एवं आगजनी के दौरान राहत कार्य से निपटने में ‘आरएएफ’ सक्षम है तो वहीं नक्सलवाद व माओवाद से निपटने के लिए ‘कोबरा’ बटालियन और संसद की सुरक्षा में ‘पीडीजी’ बटालियन तथा वीआईपी की सुरक्षा में ‘एसडीजी’ है।
महिला बटालियनों ने भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारियां निभाई
सीआरपीएफ प्रवक्ता दलीप अम्बेश के अनुसार, महिला बटालियनों ने भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों को बखूबी निभाया है।
वर्तमान में बल में छह महिला बटालियनों की वीरांगनाएं देश के विभिन्न भागों में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
सीआरपीएफ की परिचालनिक क्षमता को बढ़ाने के लिए ‘हम जवानों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं।’
बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए गत वर्ष के दौरान कुल 6 हजार, 184 कार्मिकों के लिए विभिन्न प्रकार के कोर्स चलाए गए।
इसी तरह पदोन्नति के लिए विभिन्न आरटीसी एवं सीटीसी में 11 हजार, 708 अधिकारियों और कार्मिकों के लिए पदोन्नति कोर्स चलाये गये। गत वर्ष के दौरान चयनित कुल 514 कार्मिकों ने बुनियादी प्रशिक्षण प्राप्त किया।